साउथ जोन ने नॉर्थ जोन को 2 विकेट से हराकर दलीप ट्रॉफी के फाइनल में जगह बनाई। खिताब के लिए उसका मुकाबला वेस्ट जोन से होगा। हालांकि, सेमीफाइनल में जयंत यादव की अगुआई वाली नॉर्थ जोन टीम की समय बर्बाद करने की रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं। खेल भावना को लेकर बहस छीड़ गई है। हनुमा विहारी की अगुआई वाली वेस्ट जोन को जीत के लिए 32 रनों की आवश्यकता थी और अंतिम सत्र में 5.5 ओवर फेंकने के लिए जयंत की टीम को 53 मिनट का समय लगा। इसमें एक ओवर (35वां) 12 मिनट से अधिक का था।
पहली पारी में बढ़त हासिल करने का मौका चूकने के बाद साउथ को बेंगलुरु में जीत के लिए 215 रन और आखिरी दिन 194 रन की जरूरत थी। मैच चार दिनों तक खराब रोशनी की रुकावट और खारब अंपायरिंग के कारण प्रभावित रहा। नॉर्थ जोन की टीम हर गेंद के बाद फील्ड सेटिंग में अनावश्यक बदलाव कर रही थी। यही नहीं बुरादा और डेड बॉल की मांग करके समय बर्बाद करने की कोशिश की गई। हालांकि, नॉर्थ जोन को कामयाबी नहीं मिली।
नॉर्थ जोन की रणनीति से हनुमा विहारी हैरान नहीं
नॉर्थ जोन की समय बर्बाद करने की रणनीति पर साउथ जोन के कप्तान हनुमा विहारी ने आश्चर्य नहीं जताया। 114 प्रथम श्रेणी मैच खेलने वाले विहारी विपक्षी टीमों की इस तरह की रणनीति से वाकिफ हैं। अंतिम सत्र में नॉर्थ जोन के गेम प्लान पर हुए विहारी ने कहा, “मुझे लगता है कि घरेलू क्रिकेट भी ऐसा ही है। मैंने बहुत मैच देखे हैं जहां टीमें फायदा उठाने के लिए अंतिम ओवरों में देरी करने की कोशिश करती हैं। कुछ लोग ऐसा कह सकते हैं यह खेल की भावना के अनुरूप नहीं है, लेकिन अगर मैं कप्तान होता तो भी मैं यही करता।”
उन्होंने जीत के लिए जोखिम उठाया
हनुमा विहारी ने कहा, ”वे (नॉर्थ जोन) हार गए, लेकिन अगर खराब रोशनी के कारण खेल रुकत तो वे जीत सकते थे एक हद तक कैसे भी जीतना उचित है। धीमी ओवर गति के लिए उन्हें दंडित किया जाएगा, लेकिन उन्होंने जीत के लिए जोखिम उठाया। देरी करने की रणनीति से लय प्रभावित होती है, लेकिन मैंने तिलक वर्मा और रिकी भुई को इसके लिए तैयार रहने को कहा। एक बार मौसम सही हुआ तो हमने संदेश भेजा कि हमारे पास समय है और हम सिंगल ले सकते हैं। मैसेज महत्वपूर्ण था और उस मोर्चे पर हमने अच्छा प्रदर्शन किया।”
तीसरी पारी में गेंदबाजी से हमारी स्थिति मैच में मजबूत हो गई
अपनी टीम की दो विकेट की रोमांचक जीत पर विहारी ने कहा, ”एक बार जब हम बढ़त हासिल नहीं कर पाए तो हमें पता था कि हमें जीत हासिल करनी होगी। तीसरी पारी में हमने जिस तरह से गेंदबाजी की उससे हमारी स्थिति मैच में मजबूत हो गई। हमने सोचा था कि आज हमें 45-50 ओवर मिलेंगे, लेकिन हमें और भी कम मिले क्योंकि उन्होंने अंत में इसमें देरी की, लेकिन कोई भी टीम ऐसा करेगी।”