दिनेश कार्तिक का मानना है कि अब समय आ गया है कि गौतम गंभीर अपनी लाल गेंद की कोचिंग की साख को बढ़ाएं और ऐसी टीमों का चयन करने में विश्वास दिखाएं जो लंबे बल्लेबाजी क्रम के साथ-साथ 20 विकेट लेने में भी विश्वास रखती हैं। भारत के हेड कोच गौतम गंभीर अक्टूबर 2024 से अपने खराब टेस्ट नतीजों के लिए कड़ी आलोचनाओं के घेरे में थे।

पिछले महीने लॉर्ड्स टेस्ट में भारत की हार ने उनकी आलोचनाओं को और बढ़ा दिया। हालांकि, इस हफ्ते की शुरुआत में ओवल में 6 रन की शानदार जीत के बाद एंडरसन-तेंदुलकर ट्रोफी को 2-2 से ड्रॉ कराने के साथ गौतम गंभीर ने कुछ हद तक लोगों की शिकायतों से निजात पा ली है और सभी मुकाबलों में भारत की प्लेइंग इलेवन के संयोजन पर उठे सवालों के बावजूद राहत की सांस ली है।

पूर्व भारतीय विकेटकीपर दिनेश कार्तिक का मानना है कि अब समय आ गया है कि गंभीर लाल गेंद की कोचिंग में अपनी साख बढ़ाएं और ऐसी टीम का चयन करने में विश्वास दिखाएं जो मजबूत बल्लेबाजी क्रम के साथ (यानी रन बनाने के साथ) 20 विकेट लेने में भी विश्वास रखती है।

मौजूदा टीम गंभीर की है: कार्तिक

दिनेश कार्तिक ने क्रिकबज़ पर कहा, ‘गौतम गंभीर का न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में प्रदर्शन बेहद साधारण रहा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी उनका प्रदर्शन खराब रहा। अब मुझे लगता है कि उन्होंने टीम की कमान संभाल ली है। यह टीम उनके द्वारा चुनी गई है, यह एक युवा टीम है। शुभमन के साथ, वह इस टीम की प्रेरक शक्ति हैं।’

दिनेश कार्तिक ने तर्क दिया कि भारत की डिफेंस लाइन-अप ने यह सुनिश्चित किया कि टीम इंडिया हारी नहीं, भले ही वह सीधे मैच जीतने की स्थिति में न रही हो। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि एक चीज जो वह कर सकते हैं, वह यह है कि क्या वह 20 विकेट लेने को लेकर उतने ही गंभीर हैं, जितने कि वह बल्लेबाजी में गहराई को लेकर हैं? वह एक शानदार व्हाइट-बॉल कोच हैं और उनके नतीजे हमारे सामने हैं।

नहीं पता ड्रेसिंग रूम में क्या बोलते हैं: कार्तिक

वह बोले, ‘…लेकिन टेस्ट क्रिकेट में वह काम करते हुए भी सीख रहे हैं। वह एक युवा कोच हैं। उन्होंने ज्यादा पांच दिवसीय मैच नहीं खेले हैं, न ही ज्यादा घरेलू क्रिकेट खेला है, जिससे उन्हें इतना अनुभव हो। हमें नहीं पता कि वह ड्रेसिंग रूम में क्या बोलते हैं, लेकिन वह जोश से भरे युवा खिलाड़ियों का एक समूह हैं।’

अपनी बात जारी रखते हुए दिनेश कार्तिक ने कहा, ‘आप लगभग यह कह सकते हैं कि उन्होंने ऐसी टीम चुनी है जो हारने वाली नहीं है। अब वह अपनी राह पर चल रहे हैं, इसलिए भारतीय टीम में जो कुछ भी होगा, उसके लिए वह जिम्मेदार होंगे। अगर टीम अच्छा प्रदर्शन करती है, तो श्रेय उन्हें जाएगा। अगर टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है, तो उन्हें हाथ उठाकर कहना चाहिए- हमने गलती की है।’ इंग्लैंड के खिलाफ इस सीरीज में उन्हें खिलाड़ियों की मेहनत पर गर्व होना चाहिए।’