पृथ्वी शॉ काफी समय से टीम इंडिया में वापसी को बेताब थे। श्रीलंका दौरे पर चुने जाने के साथ ही उनकी यह हसरत पूरी हुई। अब वह काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं। पृथ्वी शॉ इस बात से भी काफी खुश हैं कि उनके कोच राहुल द्रविड़ हैं। पृथ्वी शॉ ने घरेलू सत्र का शानदार समापन किया था। उन्होंने 50 ओवर विजय हजारे ट्रॉफी टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 827 रन बनाए थे। इसके बाद इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League) 2021 में दिल्ली कैपिटल्स के लिए प्रभावशाली प्रदर्शन किया। वह इस सीजन अब तक हुए मुकाबलों में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों के मामले में टीम में दूसरे नंबर पर हैं।

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में पृथ्वी शॉ ने कोच राहुल द्रविड़ के साथ काम करने, उनकी बल्लेबाजी और रिकी पोटिंग की कोचिंग को लेकर भी अपने विचार रखे। आप फिर से राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में खेलेंगे? इस सवाल पर पृथ्वी ने कहा, ‘राहुल सर के नेतृत्व में खेलने का एक अलग ही तरह का मजा है। वह हमारे भारत के अंडर-19 कोच थे। वह जिस तरह से बोलते हैं, जिस तरह से अपना कोचिंग अनुभव साझा करते हैं, वह अद्भुत है। जब भी वह खेल के बारे में बात करते हैं तो पता चलता है कि वह कितने अनुभवी हैं। वह क्रिकेट के बारे में सब कुछ जानते हैं। वह परिस्थितियों को लेकर जिस तरह से बोलते हैं और उसका इस्तेमाल करना सिखाते हैं, वैसा हर किसी के बस की बात नहीं है।’

आपकी उनसे हाल ही में कब बात हुई के सवाल पर पृथ्वी शॉ ने बताया, ‘मैंने उनसे ए टूर पर बात की थी। जब मुझे डोपिंग के लिए बैन किया गया, तो उन्होंने फोन किया और कहा, यह जीवन का हिस्सा है, इट्स ओके (ठीक है)। यह मेरी गलती नहीं थी और मजबूती के साथ वापसी करोगे। मुझे यह वास्तव में बहुत अच्छा लगा कि उन्होंने मेरे बुरे दौर में भी मुझसे बात की।’

आप सबसे ज्यादा किस चीज का इंतजार कर रहे हैं? इस सवाव के जवाब में पृथ्वी शॉ ने कहा, ‘जैसा कि राहुल सर हैं, ड्रेसिंग रूम में अनुशासन की उम्मीद की जा सकती है। मैं राहुल सर के साथ अभ्यास सत्र की प्रतीक्षा कर रहा हूं। मुझे उनसे घंटों बात करना अच्छा लगता है। इस दौरे में, मुझे बस मौके का फायदा उठाना है। मैं भारतीय टीम में वापसी के लिए बेताब था। मैंने टीम को हमेशा अपने से ऊपर रखा है। फिर चाहे वह भारत हो, रणजी ट्रॉफी टीम हो, क्लब हो या मेरी स्कूल टीम। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहता हूं।’

रिकी पोंटिंग ने एक बार कहा था कि जब आप फॉर्म से बाहर होते हैं तो आप अभ्यास से नफरत करते हैं, क्या अब भी ऐसा ही है? पृथ्वी ने कहा, ‘ऐसा ही है। निजी तौर पर, मुझे लगता है कि अगर मैं ज्यादा प्रैक्टिस करूंगा तो मुझसे यह नहीं होगा, खासकर जब चीजें मेरे लिए सही नहीं हो रही हैं। मैं वैसा नहीं हूं जो दूसरों को यह दिखाने की कोशिश करता हूं कि मैं कड़ी मेहनत कर रहा हूं। एक अंदर से आवाज आती है कि बस अब और नहीं। मैं खुद को मजबूर नहीं करता। तब मैं एक ब्रेक लेता हूं और जब मुझे लगता है कि मैं बहुत बेहतर महसूस कर रहा हूं, तब फिर से शुरू करता हूं।’

क्या आपने पोंटिंग से बात की, के सवाल पर पृथ्वी ने कहा, ‘हमारे बीच सिर्फ सामान्य बातचीत हुई। मैं गुड टच में दिख रहा था, इसलिए वह मुझे प्रोत्साहित करते थे। हमने बल्लेबाजी के बारे में बात नहीं की, लेकिन उन्होंने रणनीतियों पर अधिक बात की। इस पर बात की कैसे टीम को अच्छी शुरुआत दी जा सकती है।’