निहाल कोशी, वेंकट कृष्णा बी। पिछले महीने जारी की गई 2024 की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर में दिल्ली की हवा सबसे ज्यादा जहरीली होती है, जिसकी वजह से शहर को दुनिया की सबसे प्रदूषित राष्ट्रीय राजधानी होने का कलंक झेलना पड़ता है। ऐसा लगातार 6 साल हो चुका है। फिर भी, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इस साल 14 से 18 नवंबर के बीच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज का पहला टेस्ट दिल्ली में आयोजित किया है। अब बीसीसीआई (BCCI) के सचिव देवाजीत सैकिया कह रहे हैं, ‘हर साल प्रदूषण नहीं होता।’

दिवाली के 3 हफ्ते बाद भारत-साउथ अफ्रीका टेस्ट

दिल्ली टेस्ट दिवाली के तीन हफ्ते बाद खेला जाएगा, लगभग उसी समय जब शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक हर साल बढ़ता है। पिछले पांच वर्षों में, नवंबर में औसत AQI 328 से ज्यादा रहा है, जिसकी वजह से राजधानी लगातार ‘बहुत खराब’ वायु श्रेणी में रही है। हालांकि, BCCI का कहना है कि उन्होंने बुधवार को टीम इंडिया के घरेलू कार्यक्रम को सार्वजनिक करने से पहले हर संभावित स्थिति को ध्यान में रखा और अपनी रोटेशन नीति पर कायम रहे। देवाजीत सैकिया ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘हमने सभी कारकों पर विचार किया है और सभी से चर्चा करने के बाद रोटेशन नीति को अपनाया है। प्रदूषण की समस्या हर साल नहीं होती।’

दिसंबर 2017 में 316 था दिल्ली का AQI

जब दिसंबर 2017 के पहले सप्ताह में भारत ने दिल्ली में श्रीलंका के साथ टेस्ट मैच खेला था, तब राजधानी में औसत AQI 316 था, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है। खेल के तीसरे दिन 4 दिसंबर को यह 390 तक पहुंच गया था। यही वजह थी कि कुछ खिलाड़ियों को मास्क पहनकर मैदान पर उतरना पड़ा। दूसरे दिन, श्रीलंका के तेज गेंदबाज लाहिरू गमागे को ओवर के बीच में सांस लेने में समस्या होने के कारण खेल जारी रखने में परेशानी हुई। इसके कारण 17 मिनट तक खेल रोकना पड़ा था।

खिलाड़ियों को हुई थी उल्टियां

एक अन्य तेज गेंदबाज सुरंगा लकमल ने मिचली की शिकायत की। वह अंदर की ओर भागे और उल्टी कर दी। टेस्ट के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब श्रीलंका के पास मैदान में सिर्फ 10 फिट खिलाड़ी थे और उनके ड्रेसिंग रूम में ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाए गए। हालांकि, दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (DDCA) ने माना कि इस बार भी उन्हें ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि वे इसके लिए तैयार हैं।

दिसंबर 2017 में दिल्ली के फिरोज शाह कोटला स्टेडियम पर खेले गए टेस्ट मैच में श्रीलंका और भारत के खिलाड़ियों को उल्टी हुई थी। (फाइल फोटो)

डीडीसीए (DDCA) सचिव अशोक शर्मा का कहना है, ‘खिलाड़ियों को टेस्ट मैच खेलते समय सहज महसूस कराने के लिए डीडीसीए हरसंभव कदम उठाएगा। साथ ही, अरुण जेटली स्टेडियम अपेक्षाकृत खुले क्षेत्र में स्थित है, जिसके आसपास अधिक हरियाली है, इसलिए हवा की गुणवत्ता अन्य क्षेत्रों की तुलना में बेहतर है।’

हमें कैलेंडर के अनुसार चलना होगा: डीडीसीए

उन्होंने कहा कि दिल्ली टेस्ट मैच की मेजबानी के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रही थी। पदाधिकारी ने कहा, ‘दिल्ली को काफी समय से टेस्ट मैच आवंटित नहीं किया गया था। बीसीसीआई ने हमें मैच आवंटित किया है, इसलिए हमें कैलेंडर के अनुसार चलना होगा। नवंबर में, अगर प्रदूषण होता भी है तो दिसंबर की तुलना में कम होता है।’

वैसे आंकड़े बताते हैं कि नवंबर की तुलना में दिसंबर में राजधानी में प्रदूषण थोड़ा कम होता है। हालांकि, इन दोनों ही महीनों में एक्यूआई की श्रेणी ‘बहुत खराब’ बनी रहती है। यही नहीं, साल के पहले कुछ महीनों में भी खिलाड़ियों ने दिल्ली में प्रदूषण की शिकायत की है। इस साल की शुरुआत में, जनवरी के मध्य में इंडिया ओपन इवेंट में हिस्सा लेने वाली डेनमार्क की शटलर मिया ब्लिचफेल्ड ने राजधानी के प्रदूषण के स्तर को ‘अस्वस्थ और अस्वीकार्य’ कहा था।

फिरोज शाह कोटला स्टेडियम। (सोर्स- फाइल फोटो)

डेनमार्क की शटलर भी कर चुकी है शिकायत

डेनमार्क लौटने के बाद ब्लिचफेल्ड ने इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘यह लगातार दूसरा साल है जब मैं इंडिया ओपन के दौरान बीमार पड़ गई।’ उन्होंने लिखा, ‘यह स्वीकार करना वाकई मुश्किल है कि खराब परिस्थितियों के कारण कई हफ्तों की मेहनत और तैयारी बर्बाद हो जाती है। यह किसी के लिए भी उचित नहीं है कि हमें धुंध, कोर्ट पर पक्षियों की बीट और हर जगह गंदगी में ट्रेनिंग करनी पड़ती है और खेलना पड़ता है।’

श्रीलंकाई स्पिनर दिलरुवान परेरा ने 2017 टेस्ट खेला था। वह अब भी दिल्ली के उस अनुभव को नहीं भूल पाए हैं। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘दिल्ली में उतरते ही यह बहुत मुश्किल था, लेकिन धीरे-धीरे हम इसके आदी हो गए, लेकिन तेज गेंदबाज संघर्ष कर रहे थे। मुझे लकमल और गमागे जैसे खिलाड़ियों के लिए वाकई दुख हुआ।’

भारतीय क्रिकेटर्स को भी झेलनी पड़ी थी परेशानी

उन्होंने कहा, ‘…और यह सिर्फ हमारे साथ ही नहीं था। यहां तक ​​कि उनके (भारत) तेज गेंदबाजों के लिए भी समस्या थी। मोहम्मद शमी ने भी संघर्ष के संकेत दिए थे। हममें से कुछ लोगों को उल्टी भी हुई और हम सहज महसूस नहीं कर रहे थे। फिर हमें जल्द ही अहसास हुआ कि मास्क उतारना अच्छा फैसला नहीं था।’ हालांकि, दक्षिण अफ्रीका ने अब तक दिल्ली में टेस्ट के लिए प्रदूषण का मुद्दा नहीं उठाया है। संपर्क किए जाने पर क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका के सीईओ फोलेत्सी मोसेकी ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।