राष्ट्रमंडल 2018 खेलों के लिए क्वालिफाई कर चुके दो बार के ओलंपिक कुश्ती चैम्पियन सुशील कुमार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। शुक्रवार को अपने चिर प्रतिद्वंदवी पहलवान प्रवीण राणा को हराने के बाद दोनों खिलाड़ियों के समर्थकों के बीच झड़प हो गई थी। सुशील के समर्थकों ने प्रवीण राणा के साथ भी मारपीट की जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस थाने में दर्ज कराई। एएनआई के अनुसार डीसीपी सेंट्रल एमएस रंधावा ने बताया कि प्रवीण राणा के साथ मारपीट के आरोप में सुशील कुमार और उनके समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 323 और 341 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है।
बता दें कि शुक्रवार को दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी स्टेडियम के केडी जाधव स्टेडियम में चयन ट्रायल के लिए सुशील कुमार और प्रवीण राणा के बीच कुश्ती हुई थी। दोनों खिलाड़ियों के बीच उस समय बढ़ा जब ट्रायल के सेमीफाइनल में सुशील से हारने के बाद प्रवीण राणा ने दावा किया था कि रिंग में सुशील के खिलाफ उतरने के लिए राणा और उनके बड़े भाई के साथ सुशील के समर्थकों ने मारपीट की थी। राणा ने यह भी आरोप लगाया था कि सुशील के समर्थकों ने उसे जान से मारने की धमकी देते हुए कहा था कि आगामी प्रो कुश्ती लीग में वे खेलने की भूल ना करें।
Registered an FIR against wrestler Sushil Kumar and his supporters: DCP Central MS Randhawa on thrashing of wrestler Praveen Rana #Delhi
— ANI (@ANI) December 30, 2017
#WATCH: Scuffle broke out between alleged supporters of wrestlers Sushil Kumar and Parveen Rana at K. D. Jadhav Stadium in Delhi; reason not yet ascertained pic.twitter.com/sigLOa3koY
— ANI (@ANI) December 29, 2017
वहीं इस मामले पर सुशील ने अपने बयान में कहा था कि राणा ने रिंग में उनके साथ मारपीट की थी। सुशील ने कहा था “यह मुझे अच्छा खेलने से रोकने की उसकी रणनीति होगी। यह खेल का हिस्सा है। जो कुछ हुआ था, वह गलत था। मैं इसकी निंदा करता हूं। मुकाबला खत्म होने के बाद एक दूसरे के लिए सम्मान था।” बता दें कि पिछले साल सुशील कुमार ने रियो ओलंपिक का टिकट ना मिलने पर नरसिंह यादव को सुप्रीम कोर्ट में घसीट लिया था। 74 किग्रा. वर्ग के लिए नरसिंह यादव का सेलेक्शन तो हुआ लेकिन उस वक्त सुशील ने खुद को ओलंपिक में भेजने की पेशकश की थी। बाद में नरसिंह डोप टेस्ट में फेल हो गए और भारत की ओर से इस कैटेगरी में कोई भी खिलाड़ी ओलंपिक में दावेदारी पेश नहीं कर सका था।