भारत और पाकिस्तान के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय सीरीज होगी या नहीं, यह जानने के लिए क्रिकेट प्रशंसकों को अभी कुछ दिन और इंतजार करना होगा। दोनों देशों के क्रिकेट बोर्डों के प्रमुखों के बीच इस मसले को लेकर बातचीत भी हुई। जब बीसीसीआइ सचिव अनुराग ठाकुर से सीरीज को लेकर सवाल किया गया, उन्होंने कहा- अभी दो दिन और इंतजार करें। बीसीसीआइ ने पाकिस्तान को भारत में सीरीज खेलने के लिए आमंत्रित किया था लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने यह प्रस्ताव नामंजूर कर दिया और कहा कि सीरीज यूएई में होनी चाहिए जहां वह पिछले कुछ वर्षों से अपने सभी घरेलू मैच खेल रहा है।

ठाकुर से पूछा गया कि बीसीसीआइ यूएई में खेलने में क्यों दिलचस्पी नहीं ले रहा है जबकि उसने 2014 के इंडियन प्रीमियर लीग के शुरुआती चरण के मैच वहां खेले थे, ठाकुर ने कहा कि द्विपक्षीय सीरीज में भाग लेने वाले क्रिकेट बोर्डों को स्थल को लेकर सहज अहसास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में यह फैसला उन्हें करना होता है कि यह कौन से स्थल पर खेली जाएगी। द्विपक्षीय सीरीज में यह दोनों देशों को फैसला करना होता है कि वे कहां सहज महसूस कर रहे हैं।

इस बीच ‘जासूसी कांड’ की जांच के लिए बीसीसीआइ द्वारा गठित दो सदस्यीय समिति ने पूर्व सचिव संजय पटेल व पूर्व व वर्तमान कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी से मुलाकात की। यह मसला बीसीसीआइ के पिछले प्रशासन द्वारा अपने कुछ सदस्यों की जासूसी करने के लिए ब्रिटिश फर्म की मदद लेने से जुड़ा है जिसके लिए रिपोर्टों के अनुसार 900,000 डालर खर्च किए गए। यह मामला नौ नवंबर को बोर्ड की वार्षिक आम बैठक के दौरान उठा था जिसके बाद शिर्के और गंगराजू की दो सदस्यीय समिति गठित की गई थी।