भारतीय स्विंग गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने यहां कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग में खेलने से उन्हें सीमित ओवरों की क्रिकेट में डेथ ओवरों की अपनी गेंदबाजी में सुधार करने में मदद मिली।
उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कल यहां होने वाले तीसरे एकदिवसीय मैच की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘आईपीएल ने मुझे अपनी डेथ ओवरों गेंदबाजी में सुधार करने में मदद मिली। मैं नई गेंद से शुरुआती ओवर करता हूं और फिर आखिर में पुरानी गेंद से कुछ ओवर करता हूं।’’
भारत ने दूसरा वनडे जीतकर श्रृंखला 1-1 से बराबर करायी जिसमें भुवनेश्वर ने 41 रन देकर तीन विकेट लेकर अपनी तरफ से योगदान दिया। उन्होंने यह बात भी नकार दी कि वह अब पहले की तरह गेंद को हवा में मूव नहीं करा पाते हैं।
भुवनेश्वर ने कहा, ‘‘मैं ऐसा नहीं मानता। गेंदबाज केवल पहले से तीसरे ओवर तक स्विंग करती है। यदि परिस्थितियां अनुकूल हो तो मैं गेंद को अधिक स्विंग करा सकता हूं। मुझे नहीं लगता कि मैंने स्विंग गंवा दी है। डेथ ओवरों की गेंदबाजी से मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि गेंदबाजी में मेरी भूमिका में बदलाव आया है। स्विंग गेंदबाज होने के कारण डेथ ओवरों में गेंदबाजी से मेरी गेंदबाजी से अतिरिक्त पहलू जुड़ गया है। आईपीएल में गेंदबाजी करते हुए मुझे डेथ ओवरों में काफी गेंदबाजी करनी पड़ी और इससे मेरा मनोबल बढ़ा। नयी गेंद और फिर पुरानी गेंद से गेंदबाजी करने में मुझे आनंद आता है।’’
जिस तरह की पिचों पर वर्तमान श्रृंखला खेली जा रही है उनके बारे में पूछे जाने पर भुवनेश्वर ने कहा, ‘‘गेंदबाज होने के कारण हम विकेटों को लेकर चिंता नहीं करते चाहे वे सपाट हों या नहीं। पिछले मैच में हमने जैसी गेंदबाजी की थी उसके बाद हम काफी आश्वस्त हैं। दक्षिण अफ्रीका की टीम अच्छी है और हमने प्रत्येक खिलाड़ी के लिये रणनीति बनायी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि स्पिनर और तेज गेंदबाज एक दूसरे की मदद करते हैं तो इससे वास्तव में अच्छे परिणाम मिलते हैं। यदि स्पिनर और तेज गेंदबाज एक टीम के रूप में गेंदबाजी कर रहे हों तो फिर गेंदबाजी इकाई के रूप में आपका काफी आत्मविश्वास बढ़ता है। ’’
भुवनेश्वर ने कहा कि पिछले मैच में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की नाबाद 92 रन की पारी से गेंदबाजों का भी मनोबल बढ़ा। उन्होंने कहा, ‘‘जब हम मैच नहीं जीतते तब भी माहौल सामान्य बना रहता है। लेकिन पिछले मैच में जीत के बाद निश्चित तौर पर टीम में सकारात्मक लहर दौड़ी है। धोनी की पारी से टीम का काफी मनोबल बढ़ा है। उस मैच में हमारे गेंदबाजों ने भी 25 से 30 के करीब गेंदों का सामना किया था जिससे उन्हें पता चला कि पिच कैसा खेल रही है।’’
भुवनेश्वर ने कहा कि यह जीत काफी महत्वपूर्ण थी क्योंकि 0-2 से पिछड़ने के बाद वापसी करना मुश्किल होता। उन्होंने कहा, ‘‘पांच मैचों की श्रृंखला में लगातार दो मैच गंवाने के बाद वापसी करना मुश्किल होता है। लेकिन पिछले मैच में हमने वापसी करके जीत दर्ज की। इससे टीम का काफी मनोबल बढ़ा है।’’