दिल्ली जिला व क्रिकेट संघ (डीडीसीए) का विवाद गुुरुवार को तब और गहरा गया जब दिल्ली रणजी टीम के कप्तान गौतम गंभीर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। माना जारहा है कि डीडीसीए में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर उन्होंने केजरीवाल से मुलाकात की थी। कुछ दिनों पहले इसी सिलसिले में पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने भी केजरीवाल से मुलाकात कर इसमें दखल की मांग की थी। मिली जानकारी के मुताबिक डीडीसीए पर दिल्ली सरकार का करोड़ों का कर बाकी है और डीडीसीए इसकी भुगतान में आनाकानी कर रहा है।

सूत्रों ने बताया कि दिल्ली सरकार ने साफ कर दिया है कि बिना टैक्स जमा कराए दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अगले महीने होने वाले टैस्ट मैच की मंजूरी वह नहीं देगी। डीडीसीए के पास दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चौथा और अंतिम टैस्ट की मेजबानी की मंजूरी हासिल करने के लिए जब बहुत कम समय बचा है। इस बीच केजरीवाल ने गुरुवार को ही डीडीसीए में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित कर उनसे दो दिनों में रिपोर्ट देने को कहा है। सतर्कता विभाग के प्रधान सचिव चेतन सांघी की अगुआई वाली समिति को डीडीसीए में वित्तीय धोखाधड़ी और ढांचागत अनियमितताओं की जांच करने को कहा गया है।

दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक समिति में शहरी विकास और खेल विभाग के सचिव भी शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि समिति को शनिवार तक मुख्यमंत्री को रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। इस सिलसिले में डीडीसीए के अधिकारियों के साथ बात करने की कोशिश की तो किसी ने इस पर कुछ भी कहने से मना कर दिया। फिलहाल डीडीसीए संकट से गुजर रहा है और संघ में कई गुट हैं जो डीडीसीए को अपने तरीके से चला रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि डीडीसीए के बोर्ड के सभी सदस्यों को क्रिकेट संस्था में कथित अनियमितताओं के संदर्भ में शनिवार को समिति के समक्ष पेश होने को कहा गया है। दक्षिण अफ्रीका और भारत के बीच होने वाले चौथे टेस्ट का भविष्य तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट और डीडीसीए के बोर्ड सदस्यों के जांच पैनल के सदस्यों के सवालों के जवाब पर निर्भर करेगा।

दूसरी तरफ, डीडीसीए के खिलाफ लंबे समय से आवाज उठाने वाले पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने दावा किया कि यह संघ अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि यह राज्य संस्था सर से पांव तक भ्रष्टाचार में डूबी है। बेदी ने डीडीसीए को साफ सुथरा बनाने के लिए केजरीवाल से मुलाकात भी की थी। भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने डीडीसीए को अपनी संस्था को व्यवस्थित करने के लिए 17 नवंबर तक का समय दिया है। राज्य सरकार ने भी पहले ही अंदरूनी विवादों से जूझ रहे डीडीसीए को .45 करोड़ रुपए का मनोरंजन कर देने के निर्देश दिए हैं। बेदी ने गुरुवार को प्रेस क्लब आफ इंडिया में संवाददाताओं से कहा कि ऐसी उम्मीद थी, यह तो होना ही था। कई सालों से ऐसा हो रहा है। कई गलतियां हुई और सब कुछ खुलेआम हो रहा था तो किसी ने किसी को तो पहल करनी ही थी और मुझे खुशी है कि दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री को सही मायने में महसूस हुआ कि यह जानने की जरू रत है कि यहां किस तरह का गोलमाल चल रहा है। बेदी ने कहा कि एक क्रिकेटर होने के नाते हम मुख्यमंत्री के आभारी हैं कि उन्होंने इसमें दिलचस्पी लेकर समिति गठित करने का फैसला किया।

बीसीसीआइ पहले ही घोषणा कर चुका है कि अगर दिल्ली में मैच नहीं हो पाता तो उसे पुणे में आयोजित किया जाएगा। डीडीसीए ने भी चौथे और अंतिम टैस्ट के लिए राज्य सरकार की मदद मांगी है। बेदी ने स्पष्ट किया कि दिल्ली के वेटरन क्रिकेटर खेल के लिए आगे आए हैं और वे इस मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद इस मसले का राजनीतिकरण करना नहीं है। अरविंद जी ने हमसे कहा कि अगर टैस्ट नहीं होता है तो नुकसान में कौन रहेगा और हमने कहा कि दिल्ली के लोगों को नुकसान होगा। फीरोजशाह कोटला राजधानी के लोगों से जुड़ा है और किसी खास व्यक्ति से नहीं। हमने उन्हें बताया कि भले ही हम भारी मन से कह रहे हैं लेकिन हमें लगता है कि डीसीडीसीए की जो स्थिति बनी हुई है उसे देखते हुए यहां टैस्ट नहीं कराया जा सकता।

उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से डीडीसीए ने साख पर बट्टा लगा है और यह आइसीसी से छिपा नहीं है। दिल्ली राजधानी है और इससे आप अनुमान लगा सकते हो कि अन्य राज्य संघों में क्रिकेट के साथ क्या हो रहा होगा। बेदी ने कहा कि अगर डीडीसीए के वर्तमान पदाधिकारियों में दमखम है तो उन्हें केजरीवाल से मुलाकात के लिए समय लेना चाहिए था। यहां तक कि डीडीसीए के कप्तान गौतम गंभीर को भी मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय मिला। बेदी, सुरिंदर खान्ना और आकाश लाल के साथ मौजूद डीडीसीए अधिकारी समीर बहादुर ने कहा कि कोटला किसी मैच की मेजबानी के लिए फिट नहीं है।

उन्होंने कहा कि यह स्टेडियम वास्तव में बारूद के ढेर पर खड़ा है। पुरानी दिल्ली से कोटला के बगल में सीवर लाइन गुजर रही है। उन्होंने बिना किसी अनुमति के मूल सीवर लाइन को नुकसान पहुंचाया है। उसमें मीथेन है और उससे बहुत नुकसान हो सकता है। केजरीवाल ने स्वयं कहा है कि उन्होंने गैरकानूनी तरीके से सीवर लाइन को नुकसान पहुंचाया है और उन्होंने पूरे स्टेडियम को खतरे में डाल दिया है। दिल्ली के पूर्व कप्तान अरुण लाल ने डीडीसीए की ही नहीं बल्कि पूर्व अध्यक्ष अरुण जेटली की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सवाल यह नहीं है कि मैच होगा या नहीं। सवाल यह है कि क्या डीडीसीए टैस्ट के आयोजन के लायक है या नहीं। जेटली के कार्यकाल में डीडीसीए में भ्रष्टाचार खूब फला फूला। वह सत्ता में रहना चाहते थे।