क्रिकेट के मैदान पर अक्सर ऐसे मुकाबले देखने को मिलते हैं जिसकी छाप लंबे समय तक क्रिकेट प्रेमियों के जेहन में बनी रहती है, लेकिन कभी-कभी मैदान पर ऐसे वाकये भी होते हैं जो न ही खिलाड़ी के लिहाज से सही होते हैं और न हीं खेल प्रेमी के। हालांकि इतिहास में उनका भी अपना एक विशेष स्थान होता है जो उस दिन को खास बनाता है। ऐसा ही एक मुकाबला आज के दिन यानी की 25 दिसंबर 1997 को भारत-श्रीलंका के बीच खेला गया था जिसके चलते भारत और इंदौर शहर के एक स्टेडियम को क्रिकेट जगत में शर्मसार होना पड़ा था। दरअसल आज से करीब 21 साल पहले मैदान पर कुछ ऐसा हुआ था जिसके चलते मैच 18 गेंद के बाद ही रद्द कर दिया गया था।
ये बात 1997 की है जब भारत 3 मैचों की वनडे सीरीज की मेजबानी कर रहा था और पड़ोसी मुल्क श्रीलंका मेहमान बनकर भारत के दौरे पर आया था। उस वक्त श्रीलंका के कप्तान अर्जुन रणतुंगा हुआ करते थे उन्होंने इंदौर में इस सीरीज के दूसरे मुकाबले में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया था। हालांकि जब श्रीलंका के बल्लेबाज मैदान में उतरे तो सभी अवाक रह गए। गेंद पिच पर खतरनाक अंदाज में उछल रही थी, पहले ही ओवर की चौथी गेंद पर भारत के जवागल श्रीनाथ ने कालू विर्थना को पवेलियन का रास्ता दिखा दिया। इसके बाद जो हुआ उसकी उम्मीद किसी को भी नहीं थी।
इस मैच में अभी तीन ही ओवर गुजरे थे कि जयसूर्या और रोशन महानामा के लिए इस पिच पर बल्लेबाजी करना बेहद मुश्किल था। गेंद की उछाल इतनी थी कि बल्लेबाज को चोट लगने का खतरा सता रहा था, गेंद अनियमित तरीके से उछाल और स्पीड पा रही थी। इसके बाद कप्तान रणतुंगा मैदान में पहुंच गए और उन्होंने भारत के तत्कालीन कप्तान सचिन से राय मशविरा करके इस मैच को रद्द करने पर सहमति बना ली। इस मैच के रद्द होने की खबर सुनते ही फैंस को जहां निराशा हुई वहीं इंदौर के नेहरू स्टेडियम को क्रिकेट जगत के सामने शर्मसार होना पड़ा। इसके चलते इस मैदान को 2 साल के लिए प्रतिबंधित भी कर दिया गया। हालांकि जब 2 साल के प्रतिबंध के बाद इस मैदान पर मैच हुआ तो तेंदुलकर ने इसे यादगार बना दिया और 31 मार्च 2001 को उन्होंने अपना 10,000 रन पूरा किया।
बता दें कि मध्यप्रदेश क्रिकेट संस्था ने अब इंदौर शहर में नया स्टेडियम तैयार कर लिया है जिसे अब होल्कर स्टेडियम के नाम से जाना जाता है। अब नेहरू स्टेडियम पर इंटरनेशनल मैच का आयोजन नहीं किया जाता है। इस मैदान पर भारतीय टीम ने सातों मैच में जीत हासिल की है। इस वनडे सीरीज में पहला मुकाबला भारत ने 7 विकेट से जीता था वहीं इस सीरीज का तीसरा मुकाबला मेहमान टीम ने 5 विकेट से जीतकर सीरीज को 1-1 की बराबरी पर ला दिया था।