साल 2024 के पहले दिन वनडे क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर फैंस को चौंकाने वाले डेविड वॉर्नर ने सालों बाद सैंडपेपर कांड (बॉल टेम्परिंग या गेंद से छेड़छाड़) में लगे लाइफटाइम कप्तानी प्रतिबंध को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है। वॉर्नर ने सिडनी टेस्ट से पहले मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिस वक्त मुझ पर आजीवन कप्तानी का प्रतिबंध लगा था उस वक्त मैं इस मामले से बेहतर तरीके से निपट सकता था, लेकिन मैंने इसे जानबूझकर जाने दिया और आगे बढ़ गया।
क्या कहा वॉर्नर ने?
वॉर्नर ने कहा है, “जब मैं अपने करियर में पीछे मुड़कर देखता हूं तो सैंडपेपर कांड से मैं अलग तरीके से निपट सकता था, लेकिन मुझे लगता है कि निक (हॉकले, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी) ने इसे बोर्ड के सामने रखने की पूरी कोशिश की और फैसला किया गया और मैं इससे खुश हूं। मैं अब उससे आगे बढ़ चुका हूं।’’ बता दें कि सैंडपेपर कांड में वॉर्नर के अलावा स्टीव स्मिथ और बैनक्राफ्ट को सजा मिली थी। वॉर्नर पर आजीवन कप्तानी का प्रतिबंध लगा दिया गया था।
बोर्ड या प्रतिबंध को लेकर नहीं कोई कड़वाहट- वॉर्नर
इस प्रतिबंध के खिलाफ वॉर्नर को अपील करनी थी लेकिन बाद में उन्होंने ऐसा नहीं करने का फैसला किया क्योंकि उन्हें पता चला कि समीक्षा पैनल की सुनवाई सार्वजनिक रूप से की जानी थी। वॉर्नर से जब पूछा गया कि क्या अब भी उनके मन में आजीवन कप्तानी प्रतिबंध और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा समीक्षा के तरीके को लेकर कोई कड़वाहट है तो उन्होंने कहा कि अब मैं इससे आगे बढ़ चुका हूं। वॉर्नर ने कहा कि मैंने आईपीएल और आईएलटी20 जैसे टूर्नामेंट में कप्तानी का लुत्फ उठाया है और अपनी भूमिका का आनंद लिया है।
लीडरशिप के लिए कप्तान होना जरूर नहीं- वॉर्नर
डेविड वॉर्नर ने आगे कहा कि मैंने टी20 लीग में लीडरशिप का आनंद लिया, मुझे कप्तानी के कई मौके मिले। वॉर्नर ने कहा,”हाल के वर्षों में मैंने सीखा है कि नेतृत्व का मतलब कप्तान या उप-कप्तान बनना नहीं है। मेरे लिए, मैं जिस टीम में नेतृत्व करता हूं। आपको अपने नाम के आगे कप्तान या उप कप्तान लिखवाने की जरूरत नहीं है।’’