राष्ट्रमंडल खेलों में लगातार तीसरी बार स्वर्ण पदक जीतने के एक दिन बाद पहलवान विनेश फोगट ने रविवार 7 अगस्त 2022 को ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘ये भी एक दौर है… वो भी एक दौर था..!!!’ इसके बाद उन्होंने एक येलो फेस वाली इमोजी पोस्ट की, जो अक्सर खुशी और सकारात्मक भावनाओं को जाहिर करने के लिए शेयर की जाती है। विनेश फोगाट के ट्वीट में जहां बर्मिंघम में स्वर्ण पदक जीतने की खुशी झलकी। वहीं टोक्यो ओलंपिक में देश के लिए मेडल नहीं जीत पाने का मलाल भी दिखा।
विनेश फोगाट ने लिखा, ‘जिंदगी में सब कुछ खत्म होने जैसा कुछ भी नही होता..। हमेशा एक नई शुरुआत हमारा इंतजार करती है…!!! इस कहावत को आप लोगों के प्यार और साथ ने सच साबित कर दिया। आप लोगों का ये साथ और विश्वास मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए हमेशा प्रेरित करता है। आप लोगों के प्यार और सपोर्ट के कारण ही आज देश के लिए बर्मिंगम कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक जीत पाई।’
उन्होंने लिखा, ‘टोक्यो ओलंपिक में देश के लिए मेडल नहीं जीत पाने का मलाल आज भी है। वहां से यहां तक आने का सफर आसान नहीं था। आप लोगों के प्यार और साथ के बिना शायद यहां तक आना संभव नहीं था। अपना प्यार, साथ और विश्वास हमारे ऊपर हमेशा ऐसे ही बनाएं रखें।’ इसके बाद उन्होंने भारत, गोल्ड मेडल और सम्मान में हाथ उठाने वाली इमोजीस भी पोस्ट कीं।
विनेश फोगाट टोक्यो ओलंपिक में महिलाओं की 53 किलो ग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती में बेलारूस की वनीसा कलादजिस्काया से हार गईं थीं। वह 2016 रियो ओलंपिक में भी पदक नहीं जीत पाईं थीं। रियो ओलंपिक के समय विनेश फोगाट अच्छी फॉर्म में थीं।
भारतीय फैंस को उनसे पदक की आस थी। विनेश का चीन की पहलवान सन यान से मुकाबला चल रहा था, लेकिन बीच मैच में ही वह घायल हो गईं। उनके दाएं घुटने पर इतनी जबरदस्त चोट लगी कि उन्हें स्ट्रेचर पर पर उठाकर ले जाना पड़ा था।
2016 रियो ओलंपिक में घुटने की भयानक चोट के बाद गोल्ड कोस्ट 2018 विनेश की पहली बड़ी प्रतियोगिता थी। विनेश फोगाट ने गोल्ड कोस्ट में गोल्ड मेडल जीतने के बाद एक इंटरव्यू में बताया था, ‘रियो में जो हुआ उसके बाद मुझ पर बहुत दबाव था। मुझे याद है कि मैं कितना नर्वस थी। मैं घूम रहा थी, अपने आप से बात कर रहा थी।’
विनेश फोगाट ने बताया, ‘मैं सोच रही थी कि क्या होगा, क्या होने वाला है?’ विनेश जब इधर-उधर टहल रही थीं तभी उन्हें एक जानी-पहचानी आवाज सुनाई दी। वह आवाज दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार थी। सुशील कुमार ने तब उनसे कहा था, ‘बेटा, क्यों घबड़ा रही है? तू तो शेर है, यहां पे भी घबराएगी, बच्ची, तू चिंता क्यों कर रही है? तुम एक शेरनी हो।’