ICC world cup, MS dhoni: विश्वकप 2019 का पहला सेमीफाइनल भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान में खेले गया। इस मैच में न्यूज़ीलैंड ने भारत को 18 रन से हरा दिया। न्यूज़ीलैंड के गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी करते हुए भारत को मात्र 221 पर ढेर कर दिया। भरता के लिए सबसे ज्यादा रन रविंद्र जडेजा ने 59 गेंदों में 77 रन बनाए। न्यूज़ीलैंड के लिए मैट हैनरी ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए। इस मैच में एक बार फिर महेंद्र सिंह धोनी आखिरी तक खेले और मैच नहीं जीता पाए। इस टूर्नामेंट में लगातार धोनी की धीमी बल्लेबाजी को लेकर आलोचना होती रही है।

विश्वकप में धोनी ने 90 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से रन बनाए। जो वनडे क्रिकेट में बहुत अच्छा माना जाता है। लेकिन उनका स्ट्राइक रेट हर मैच के आखिरी ओवर में बेहतर हुआ। इंग्लैंड के खिलाफ खेला गया लीग मैच हो या न्यूज़ीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मैच। धोनी ने डेथ ओवरों में अपना बल्ला नहीं चलाया। धोनी के तेजी से रन नहीं बनाने से दूसरी तरफ खेल रहे बल्लेबाजी पर दवाब बढ़ जाता है। ऐसा ही कुछ आज न्यूज़ीलैंड के खिलाफ देखने को मिला धोनी अपनी पारी को एक्सिलरेट नहीं कर पाए और जडेजा को मजबूरी में लम्बा शॉट खेलना पड़ा जिसके चलते वे कैच आउट हो गए। अगर धोनी इस मैच में थोड़ा तेजी से रन बनाते तो जडेजा आउट नहीं होते और मैच का परिणाम कुछ और हो सकता था।

धोनी के आंकड़ों पर नज़र डाली जाए तो इस टूर्नामेंट में उन्होंने तीन अर्धशतक जड़े हैं। वहीं इंग्लैंड के खिलाफ वे 42 रन पर नाबाद रह गए थे। इंग्लैंड के खिलाफ भारत के पास डेथ ओवरों में 5 विकेट होने के के बावजूद टीम ने मैच को जीतने की कोशिश नहीं की। आखिरी ओवरों में जाधव और धोनी सिंगल लेते नज़र आए। जिसके चलते उनकी सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हुई थी। ऐसा ही कुछ पाकिस्तान के खिलाफ भी हुआ था जिसके लिए धोनी को मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की आलोचना झेलनी पड़ी थी। बता दें इस मैच को हारने के बाद भारत विश्वकप से बाहर हो चुका है।