अलजारी जोसेफ और रेयान जान की तूफानी गेंदबाजी के बाद कीसी कार्टी और कीमो पाल की उम्दा पारियों की बदौलत वेस्ट इंडीज ने रविवार को यहां फाइनल में भारत को पांच विकेट से हराकर पहली बार आइसीसी अंडर 19 विश्व कप का खिताब जीतकर 1983 में अपनी सीनियर टीम की हार पर कुछ हद तक मरहम लगाया। जोसेफ (39 रन पर तीन विकेट) और जान (38 रन पर तीन विकेट) की धारदार गेंदबाजी के सामने तीन बार के चैंपियन भारत ने लगातार विकेट गंवाए और पूरी टीम 45.1 ओवर में 145 रन पर ढेर हो गई।
भारत की ओर से सिर्फ सरफराज खान ही टिक कर बल्लेबाजी कर पाए जिन्होंने 51 रन की पारी खेली। उनके अलावा राहुल बैथम (21) और महिलपाल लोमरोर (19) ही दोहरे अंक में पहुंचा पाए। दूसरी बार फाइनल में खेल रहे वेस्ट इंडीज ने इसके जवाब में 77 रन पर पांच विकेट गंवा दिए थे लेकिन कार्टी (नाट आउट 52) और पाल (नाट आउट 40) ने छठे विकेट के लिए 69 रन की अटूट साझेदारी करके टीम को 49.3 ओवर में पांच विकेट पर 146 रन तक पहुंचाया। भारत इस तरह से चौथी बार खिताब जीतने से महरूम रह गया।
पांचवीं बार फाइनल में खेल रहे भारत की ओर से बाएं हाथ के स्पिनर मयंक डागर (25 रन पर तीन विकेट) ने शानदार गेंदबाजी की लेकिन टीम को जीत नहीं दिला पाए। लक्ष्य का पीछा करते हुए वेस्ट इंडीज की शुरुआत भी खराब रही। अवेश खान (29 रन पर एक विकेट) ने तीसरे ओवर में ही सलामी बल्लेबाज गिड्रोन पोप (03) को थर्ड मैन पर खलील अहमद के हाथों कैच करा दिया। अहमद ने इसके बाद दूसरे सलामी बल्लेबाज टेविन इमलाक (15) को पवेलियन भेजकर टीम का स्कोर दो विकेट पर 28 रन किया। कप्तान शिम्रोन हेटमायेर (23) और कार्टी ने इसके बाद तीसरे विकेट के लिए 39 रन की साझेदारी करके वेस्ट इंडीज को संभाला। भारतीय कप्तान इशान किशन ने 23वें ओवर में डागर को गेंद थमाई और उन्होंने पहले ओवर में ही हेटमायेर को पवेलियन भेजने के बाद शमर स्प्रिंगर (03) और जिड गूली (03) को पवेलियन भेजकर वेस्ट इंडीज की मुसीबत बढ़ाई।
कार्टी और पाल ने हालांकि जिम्मेदारी से खेलते हुए वेस्ट इंडीज को जीत दिला दी और भारत को रिकार्ड चौथे खिताब से महरूम कर दिया। कार्टी ने विकेटों के पतझड़ के बीच बेहद जिम्मेदारी से खेलते हुए 125 गेंद का सामना किया और दो चौके मारे। पाल की 68 गेंद की पारी में एक चौका और एक छक्का शामिल रहा। टूर्नामेंट में अब तक अजेय रही भारतीय टीम 2012 के बाद पहली बार खिताब जीतने के इरादे से उतरी थी लेकिन टास हारने के बाद टीम 45.1 ओवर में ही ढेर हो गई।
भारत की ओर से सिर्फ सरफराज (89 गेंद में 51 रन) ही टिककर बल्लेबाजी कर पाए जिससे भारत अपना स्कोर 100 रन के पार पहुंचाने में सफल रहा। टूर्नामेंट की छह पारियों में सरफराज ने पांचवां अर्धशतक जड़ा। वह टूर्नामेंट में इतिहास में सर्वाधिक अर्धशतक (सात) जड़ने वाले खिलाड़ी हैं। वेस्ट इंडीज के गेंदबाजों ने सुबह पिच में मौजूद नमी का पूरा फायदा उठाया। अलजारी जोसेफ (39 रन पर तीन विकेट) ने शीर्ष क्रम को ध्वस्त किया जबकि रेयान जान (38 रन पर तीन विकेट) ने भी अहम विकेट हासिल किए।
केमार होल्डर ने किफायती गेंदबाजी करते हुए भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखा। उन्होंने 10 ओवर में सिर्फ 20 रन दिए और महिपाल लोमरोर (19) का विकेट भी हासिल किया। भारतीय टीम ने 27 रन तक ही शीर्ष तीन विकेट गंवा दिए। ये सभी विकेट जोसेफ ने हासिल किए। रिषभ पंत (01) अजीब तरीके से स्टंप हुए जब तेज गेंदबाज जोसेफ की आफ साइड से बाहर जाती गेंद को छोड़ने के बाद वह क्रीज से बाहर खडेÞ थे और विकेटकीपर टेविन इमलाक ने स्टंप पर गेंद मार दी।
सेमीफाइनल में अर्धशतक जड़ने वाले अनमोलप्रीत सिंह (03) ने विकेटकीपर को कैच थमाया जबकि कप्तान इशान किशन (04) एक बार फिर नाकाम रहे और पगबाधा आउट हो गए। हालांकि रीप्ले में लगा कि गेंद लेग स्टंप के बाहर पिच हुई थी। वाशिंगटन सुंदर (07) और अरमान जाफर (05) भी अधिक देर नहीं टिक पाए जिससे भारत का स्कोर पांच विकेट पर 50 रन हो गया। सरफराज और महिपाल ने छठे विकेट के लिए 37 रन जोड़कर पारी को संभालने की कोशिश की लेकिन होल्डर ने इस साझेदारी को तोड़ दिया। सरफराज ने कीमो पाल की गेंद पर एक रन के साथ 83 गेंद में अर्धशतक पूरा किया। जान ने इसके बाद मयंक डागर (08) को पवेलियन भेजा और फिर सरफराज को पगबाधा आउट करके भारत की सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचने की उम्मीद भी तोड़ दी। सरफराज ने 89 गेंद की अपनी पारी में पांच चौके और एक छक्का मारा।