भारत-पाकिस्तान के बीच वर्ल्ड कप में जब भी मैच होता है तो खिलाड़ियों के नोंकझोंक जरूर होती। फैंस को ऐसी कई घटनाएं याद रह जाती हैं। ऐसी घटना साल 1996 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में हुई थी। बेंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए इस मैच में वेंकटेश प्रसाद-आमेर सोहेल के बीच टकराव हुआ था, जो लोगों को आज भी याद है।

सोहेल ने कवर में चौका जड़ने के बाद वेंकटेश प्रसाद को उकसाने की कोशिश में इशारा किया। अगली गेंद पर प्रसाद ने आमेर के ऑफ स्टंप को उखाड़ फेंका और फिर उन्हें पवेलियन जाने का इशारा किया। भारत-पाकिस्तान क्रिकेट की जब भी बात होती है। इस घटना को याद किया जाता है। हाल ही में वेंकटेश प्रसाद ने भी इस घटना को याद किया।

एक ट्विटर यूजर ने वेंकटेश प्रसाद को 26 साल पहले की इस घटना की याद दिलाई। इसके बाद उस यूजर ने अपना अकाउंट ही डीलिट कर दिया। वेंकटेश प्रसाद ने ट्वीट करके कहा, ” हां मुराद मुझे यह वाक्या याद है। आपने जो फोटो पोस्ट की ही उसमें वे (आमिर सोहेल) अहंकार में चूर थे। अहंकार आपके साथ क्या कर सकता है। इसके बारे में जानने के लिए आपको अलगी गेंद देखनी होगी। यह आपको Uproot हिंदी में उखाड़ देता है।”

पिछले साल सोहेल ने एक यूट्यूब चैट के दौरान इस घटना को लेकर आधी कहानी शेयर की थी। उन्होंने क्रिकेट लाइफ स्टोरीज को बताया, “कुछ नहीं कहा था। लोग इसकी अलग-अलग तरीके से व्याख्या करते हैं। वे खेल को अच्छी तरह समझते हैं यह बात साबित करने के लिए उन्हें कुछ न कुछ कहना होगा। शब्दों का आदान-प्रदान नहीं हुआ। जावेद मियांदाद ने हमें बताया था कि गेंदबाज को कैसे उकसाया जाए। यह रिवर्स साइकोलॉजी थी।”

सोहेल का आउट होने को भारत और पाकिस्तान के बीच 1996 के विश्व कप क्वार्टर फाइनल के अहम मोड़ के रूप में देखा जाता है। 288 रनों का पीछा करते हुए गत चैंपियन का स्कोर 14.5 ओवर के बाद नौ विकेट के साथ 114/1 था। सोहेल के विकेट के बाद पाकिस्तान की पारी लड़खड़ा गई और उसे 39 रन से हार का सामना करना पड़ा।