वेंकट कृष्णा बी। टी20 वर्ल्ड कप 2024 के साथ राहुल द्रविड़ का भारतीय टीम के कौच के तौर पर राहुल द्रविड़ का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI)ने सोमवार को हेड कोच के लिए आवेदन जारी कर दिए। इस बीच खबर है कि राहुल द्रविड़ का उत्तराधिकारी विदेशी कोच हो सकता है। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के सबसे सफल कोच स्टीफन फ्लेमिंग को बीसीसीआई यह जिम्मेदारी देना चाहता है। फ्लेमिंग लंबे समय से चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के कोच हैं। टीम 5 बार खिताब जीती है।
हालांकि, बीसीसीआई की शर्त है कि नया हेड कोच तीनों प्रारूपों में हेड कोच होगा। ऐसे में यह देखना बाकी है कि क्या फ्लेमिंग वास्तव में इस पद के लिए आवेदन करेंगे, जिसके लिए उन्हें साल में 10 महीने टीम के साथ रहना होगा। बीसीसीआई ने सोमवार को आधिकारिक तौर पर टी20 विश्व कप के बाद भारतीय मेंस टीम के लिए नए मुख्य कोच की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी।
फ्लेमिंग को द्रविड़ की जगह देखा जा रहा
बोर्ड के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार 2009 से सीएसके के मुख्य कोच फ्लेमिंग को द्रविड़ की जगह लेने के लिए उपयुक्त व्यक्ति के रूप में देखा जा रहा है। भारतीय टीम आगे के साल में सभी प्रारूपों में परिवर्तन से गुजरेगी है। फ्लेमिंग के पास बेहतरीन मैन मैनेजिंग स्किल है। वह सकारात्मक माहौल बनाकर खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराते हैं। इसके अलावा उनकी कोचिंग में सीएसके का शानदार प्रदर्शन के देखा जा रहा है।
फ्लेमिंग से अनौपचारिक चर्चा हो चुकी है
द इंडियन एक्सप्रेस को जानकारी मिली है कि आईपीएल के दौरान फ्लेमिंग से अनौपचारिक चर्चा हो चुकी है। जैसा कि हालात हैं 51 वर्षीय खिलाड़ी ने फ्रेंचाइजी छोड़ने की इच्छा के बारे में सीएसके प्रबंधन से बात नहीं की है, जो चाहते हैं कि उनका कार्यकाल बढ़ाया जाए। 2009 में सीएसके का मुख्य कोच बनने के बाद से फ्लेमिंग दुनिया भर में मशहूर टी20 कोच बन गए हैं। उन्होंने चार साल तक बिग बैश में मेलबर्न स्टार्स को कोचिंग दी। चेन्नई सुपर किंग्स की फ्रेंचाइजी के अलावा, वह एसए20 में जोबर्ग सुपर किंग्स और मेजर लीग क्रिकेट में टेक्सस सुपर किंग्स के मुख्य कोच भी हैं। ये दोनों सीएसके की सहयोगी फ्रेंचाइजी हैं। वह द हंड्रेड में साउदर्न ब्रेव के मुख्य कोच भी हैं। पूर्व कीवी कप्तान के इस जुलाई में व्यस्त रहने की संभावना है क्योंकि एमएलसी और द हंड्रेड एक सप्ताह तक एक साथ चलेंगे।
फ्लेमिंग को कोच बनाने को लेकर बीसीसीआई की चाहत चौंकाने वाली नहीं
फ्लेमिंग को कोच बनाने को लेकर बीसीसीआई की चाहत चौंकाने वाली नहीं है। चेन्नई सुपर किंग्स की सफलता में उनका मुख्य योगदान रहा है। ऐसे में बोर्ड में उनको काफी पंसद किया जा रहा है। क्रिकेट करियर के दौरान चतुर कप्तान होने के अलावा फ्लेमिंग ने आईपीएल में दिखाया है कि निरंतरता फ्रेंचाइजी को कितना सफल बना सकती है। वह लीग में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले कोच हैं और उन्होंने सीएसके को पांच खिताब और दो चैंपियंस लीग ट्रॉफी दिलाई है। इसके अलावा, वह खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराने में भी कामयाब रहे हैं। इसका उदाहरण शिवम दुबे हैं। फ्लेमिंग को लीडरशिप प्रोग्राम के लिए भी जाना जाता है, जिससे कई भारतीय घरेलू खिलाड़ियों को फायदा हुआ है।
सीनियर खिलाड़ी भी चाहते हैं फ्लेमिंग जैसा कोच
जानकारी के अनुसार टीम इंडिया के सीनियर खिलाड़ी भी ऐसे मजबूत तकनीकी ज्ञान वाले कोच को पसंद करते हैं, क्योंकि इससे अगली पीढ़ी के खिलाड़ियों को मदद मिलेगी, जिनके अगले तीन वर्षों में टीम का मुख्य हिस्सा बनने की उम्मीद है। अगर फ्लेमिंग को बीसीसीआई लुभाने में सफल नहीं हो पाती है तो यह देखना दिलचस्प होगा कि वह आगे किसके पास जाती है। इंग्लैंड, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका ने रेड बॉल और व्हाइट बॉल क्रिकेट में अलग-अलग कोच रखा है। बीसीसीआई अभी भी इस तरह का दृष्टिकोण अपनाने में संकोच कर रहा है क्योंकि भारत के पास टेस्ट और सीमित ओवरों के प्रारूप के लिए खिलाड़ियों के दो अलग-अलग सेट नहीं हैं।
आईपीएल टीमों से जुड़े अन्य विदेशी कोच भी भारतीय टीम का कोच बनने से अनिच्छुक
इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के अनुसार फ्लेमिंग के अलावा, आईपीएल टीमों से जुड़े अन्य विदेशी कोच भी भारतीय टीम का कोच बनने से अनिच्छुक हैं क्योंकि वह साल में 10 महीने व्यस्त नहीं रहना चाहते। द्रविड़ को भी समय-समय पर ब्रेक दिया जाता रहा है। वह कई बार व्हाइट बॉल सीरीज में टीम के साथ नहीं रहे हैं। द्रविड़ को पिछले साल वनडे वर्ल्ड कप के बाद 6 महीने का एक्सटेंशन दिया गया था। उनका कॉन्ट्रैक्ट टी20 वर्ल्ड कप के बाद समाप्त होगा। वह चाहें तो अप्लाई कर सकते हैं।