सनराइजर्स हैदराबाद ने पहले क्वालिफायर में मिली हार के बाद दूसरा क्वालिफायर जीता और फाइनल का टिकट कटाया। इस मैच में हेनरिक क्लासेन के अर्धशतक के बाद बाएं हाथ के स्पिनरों शाहबाज अहमद और अभिषेक शर्मा के फिरकी के जादू से अपनी टीम को फाइनल तक पहुंचाया। इस जीत ने टीम की मालकिन काव्या मारन को जश्न मनाने का मौका दिया।
हैदराबाद की जीत के बाद पिता से गले लग गई काव्या मारन
टी नटराजन ने मैच की आखिरी गेंद डाली जिसपर केवल एक रन आया और हैदराबाद 36 रन से मैच जीत गई। इसके फौरन बाद स्टैंड्स में खड़ी काव्या मारन खुशी से झूम उठी। उन्होंने वहां से दौड़ लगाई और वह अपने पिता और बिजनेसमैन कालानिथी मारन के गले लग गईं। उन्होंने बाकी लोगों के साथ भी तालियां मारकर जश्न मनाया।
काव्य मारन ने जमकर मनाया जश्न
मारन का जश्न यहीं नहीं रुका। वह फिर से नीचे उतरी और हाथ में हैदराबाद के झंडे लेकर झूमती हुई नजर आई। मैच के दौरान भी हर विकेट के बाद मारन का रिएक्शन देखने वाला था। हैदराबाद की टीम अब तक केवल एक ही बार खिताब जीत पाई है। सनराइजर्स की टीम इ चौथी बार फाइनल में पहुंची है। सबसे पहली बार 2009 में फाइनल में पहुंची थी जब टीम का नाम डेक्कन चार्जर्स था।
उस साल टीम खिताब जीती थी। इसके बाद साल 2016 और 2018 में भी टीम ने फाइल में जगह बनाई। साल 2016 में हैदराबाद ने आरसीबी को मात देकर खिताब अपने नाम किया था। अब इस टीम के पास फिर से खिताब जीतने का मौका है।
काव्या मारन का फैसला सही साबित हुआ
हैदराबाद की टीम पिछले सीजन में 10वें स्थान पर रही थी। 2024 के लिए हुए ऑक्शन हुए में हैदराबाद ने 20 करोड़ रुपए खर्च करके वर्ल्ड चैंपियन कप्तान पैट कमिंस को अपने साथ जोड़ा। उस समय काव्या मारन के इस फैसले की काफी आलोचना हुई थी। हालांकि कमिंस ने साबित किया कि वह उस रकम के लायक क्यों थे। मारन के चेहरे पर जो खुशी थी वह भी इसी कारण थी क्योकि उन्होंने अपने फैसले को सही साबित होते हुए देखा।