व्यस्त आईपीएल सत्र के बाद रविचंद्रन अश्विन क्लब टीम के लिये खेलने की तैयारी में जुटे हैं और भारत के इस अनुभवी स्पिनर का कहना है कि एक जुलाई से इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले पांचवें टेस्ट से पहले लाल गेंद के क्रिकेट में खुद को ढालने के लिये उन्होंने यह फैसला लिया है । भारतीय टीम 15 जून को इंग्लैंड रवाना होगी जहां एडबस्टन में लीसेस्टरशर के खिलाफ अभ्यास मैच खेलना है।

अश्विन ने टीएनसीए प्रथम श्रेणी सेमीफाइनल और फाइनल में एमआरसी ए के लिये खेलने का फैसला किया है। आईपीएल में वह राजस्थान रॉयल्स टीम में थे जो फाइनल तक पहुंची थी। उन्होंने कहा ,‘‘ प्रथम श्रेणी मैच खेलने का मकसद टी20 से लाल गेंद के प्रारूप में ढलना है। यह सब कार्यभार प्रबंधन की बात है। उम्र और अनुभव के साथ आप चतुर होते जाते हैं ।’’

अश्विन ने कहा ,‘‘ मैं वही करने की कोशिश कर रहा हूं।मैं अपने खेल का मजा ले रहा हूं और इंग्लैंड में भी वही करना चाहता हूं । मुझे लगता है कि मैं बल्ले और गेंद से योगदान दे सकता हूं। मैं अपनी फिटनेस पुख्ता रखना चाहता हूं।’’ हाल ही में भारत के लिये सर्वोच्च विकेट लेने वाले अनिल कुंबले (619 विकेट) के बाद दूसरे गेंदबाज (442) बने अश्विन ने कहा ,‘‘मैने अपने खेल पर बहुत मेहनत की है और मैं बहुत सोचता हूं। मैं अपने खेल से खुश हूं और बहुत आगे के लक्ष्य नहीं बनाता।’’

अश्विन यह सुनिश्चित करने के लिए उत्सुक हैं कि तमिलनाडु रणजी ट्रॉफी में अपने दबदबे को कायम रखे। उन्होंने कहा कि राज्य में टेस्ट क्रिकेट को पुनर्जीवित करने के लिए कदम उठाए जाने की जरूरत है और टीएनसीए को अगले साल फर्स्ट डिवीजन लीग के लिए तीन दिवसीय या चार दिवसीय क्रिकेट फिर से आयोजित देखना चाहते हैं। यह अब दो दिवसीय प्रारूप में खेला जाता है।

बता दें कि तमिलनाडु सफेद गेंद वाले प्रारूपों (टी20 और 50 ओवर) में सफल रहा है, लेकिन रणजी सीजन के पिछले दो सत्रों में लीग चरण से आगे नहीं बढ़ पाया है। अश्विन ने इसे लेकर कहा, “यदि आप टेस्ट क्रिकेट खेलने के बारे में गंभीर हैं, तो हमारी तेज गेंदबाजी और तेज गेंदबाजी के खिलाफ हमारी बल्लेबाजी दोनों को निश्चित रूप से ऊपर ले जाने की जरूरत है। इसके लिए कोई और तरीका नही है।”