उन्होंने आखिरी एकदिवसीय 12 फरवरी 2012 को श्रीलंका के खिलाफ ब्रिसबेन में खेला था। इस खिलाड़ी ने अपने लंबे करिअर में कई सफलताएं हासिल कीं हालांकि तीनों प्रारूपों में शतक जड़ने का उनका सपना अधूरा ही रह गया।
गुजरात को दिलाई थी पहली रणजी ट्रॉफी : विकेट के पीछे कई बल्लेबाजों को शिकार बनाने वाले पार्थिव ने गुजरात को पहली बार रणजी ट्रॉफी दिलाई। जनवरी 2017 में उनकी कप्तानी में ही गुजारत ने ट्रॉफी जीती। मुंबई के खिलाफ पांच विकेट जीत के दौरान पार्थिव ने 143 रन की शानदार पारी खेली थी।
इस पारी के लिए उन्हें मैन आॅफ द मैच भी चुना गया। इस मैच में गुजरात ने 312 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए रणजी ट्रॉफी में सबसे बड़ा टारगेट हासिल करने का नया रेकार्ड बनाया था। पार्थिव पटेल ने जनवरी 2003 में एकदिवसीय मैचों में पादर्पण किया था। 38 मैचों में उनके नाम 736 रन हैं जिसमें चार अर्धशतक शामिल हैं। विकेटकीपिंग करते हुए उन्होंने 30 कैच पकड़े और नौ स्टंपिंग किए। 25 टैस्ट में उन्होंने 934 रन बनाए जिसमें छह अर्धशतक शामिल हैं। वहीं दो टी-20 मैचों में उनके नाम सिर्फ 36 रन हैं। एक बेहतरीन बल्लेबाज होते हुए भी वे क्रिकेट के किसी भी अंतराष्ट्रीय पारूपों में शतक नहीं बना पाए।
वहीं प्रथम श्रेणी मैचों की बात करें तो पार्थिव के नाम कई उम्दा पारियां हैं। 194 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 43.39 के औसत से 11,240 रन बनाए। इसमें 27 शतक और 62 अर्धशतक शामिल हैं। लिस्ट ए मैचों की बात करें तो 193 मैचों में उन्होंने 29.72 के औसत से कुल 5172 रन बनाए। इस दौरान उनके नाम तीन शतक और 35 अर्धशतक दर्ज हुए।