पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली के विचारों से उलट उनके पूर्ववर्ती कप्तान रहे मोहम्मद अजहरुद्दीन ने बुधवार (11 मई) को कहा कि महेंद्र सिंह धोनी ने अपने करियर में क्रिकेटर के तौर पर इतना कुछ हासिल किया है और उन्हें अपने भविष्य पर फैसला करने का अधिकार मिलना चाहिए। अजहर ने एक कार्यक्रम से इतर कहा, ‘‘यह गांगुली की निजी राय है और मैं इसका सम्मान करता हूं। इसके साथ ही यह धोनी पर निर्भर करता है कि वह अपने भविष्य के बारे में क्या सोचते हैं। मैं गांगुली की राय का सम्मान करता हूं लेकिन मेरा मानना है कि धोनी को यह फैसला करने मौका दिया जाना चाहिए कि उन्हें कब संन्यास लेना है।’’
उन्होंने भारत के वनडे और टी20 टीम के कप्तान के बारे में कहा, ‘‘वह (धोनी) इस मौके का हकदार है। वह सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक है। उसने सभी प्रमुख टूर्नामेंट जीते हैं और खेल के सभी प्रारूपों में भारत को नंबर एक बनाया है। मेरा मानना है कि हमें उसके प्रदर्शन को नहीं भूलना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए इस पर अपनी राय देना बहुत मुश्किल है। यह पूरी तरह से धोनी पर निर्भर करता है कि वह मानसिक तौर पर कैसा महसूस करता है और खेल कितना कड़ा बन गया है। हमें धोनी को संन्यास पर फैसला लेने का मौका देना चाहिए।’’
भारत की तरफ से 99 टेस्ट मैचों में खेलने वाले अजहर उन सवालों को जवाब दे रहे जो गांगुली के मंगलवार (10 मई) को धोनी के संबंध में दिए गए बयान को लेकर पूछे गये थे। गांगुली ने कहा था कि धोनी का विश्व कप 2019 तक बने रहना संभव नहीं है और इसलिए विराट कोहली को सभी प्रारूपों का कप्तान बनाया जाना चाहिए।
अजहर से धोनी के हाल के खराब फॉर्म में बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘कई बार लोगों की जिंदगी में उतार चढ़ाव आता रहता है और अभी उसकी फॉर्म अच्छी नहीं है। लेकिन उसने टीम का नेतृत्व अच्छी तरह से किया है और जो खिलाड़ी उसकी कप्तानी में खेले उनके लिए वह प्रेरणास्रोत है।’’ उनका मानना है कि धोनी के संन्यास लेने के बाद भारत को कोहली को यह जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए। अजहर ने कहा, ‘‘देश में इस पर कोई दूसरी राय नहीं है कि विराट को टी20 और वनडे में अगला कप्तान होना चाहिए। वह पहले ही टेस्ट मैचों में कप्तान है।’’
उच्चतम न्यायालय के लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने को लेकर बीसीसीआई परेशानी में है लेकिन अजहर का मानना है कि बीच का रास्ता निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘बोर्ड को लगता है कि लोढ़ा रिपोर्ट को जस का तस लागू करना संभव नहीं है। यदि दोनों पक्ष समझौता करते हैं तो यह खेल के लिए अच्छा होगा। लेकिन मैं स्पष्ट कर दूं कि मुझे इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं है।’’