विराट कोहली एंड कंपनी ने जिस दिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पुणे में टेस्ट श्रृंखला की कड़ी चुनौती की शुरुआत की, उसी दिन यहां महेंद्र सिंह धोनी ने एक अलग तरह की चुनौती अपने हाथ में ली। अपने साथियों के साथ बुधवार (22 फरवरी) को रांची से रेल से यात्रा करने का फैसला करके सबको हैरान करने वाले धोनी झारखंड टीम की जर्सी पहनकर ईडन गार्डन्स में उतरे और अपने कैप्टेन कूल तरीके से उन्होंने राज्य की टीम को प्रेरित किया। धोनी अब भारत और आईपीएल टीम राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स के कप्तान नहीं है और केवल उनकी राज्य की टीम ने उन्हें विजय हजारे एकदिवसीय टूर्नामेंट में टीम की अगुवाई करने की जिम्मेदारी सौंपी है। वह अपनी टीम के साथ दोपहर बाद तेज धूप में मैदान पर पहुंचे और उन्होंने पहले खिलाड़ियों से बात की और फिर फुटबॉल खेली। इसके बाद उन्होंने अपने साथी बल्लेबाजों के लिये लगभग आधे घंटे तक ऑफ स्पिन गेंदबाजी की।
लेकिन मैदान पर उनकी भूमिका नहीं बदलेगी। मैनेजर पी एन सिंह ने कहा कि धोनी विकेटकीपर ही रहेंगे और विकेट के पीछे से ही टीम की अगुवाई करेंगे। उन्होंने कहा, ‘यह अभ्यास का उनका तरीका है। वह गेंदबाजी करना चाहते थे इसलिए उन्होंने की। वह विकेटकीपर रहेंगे भले ही हमारे पास इशान किशन के रूप में दूसरा विकेटकीपर भी है।’ शाम को धोनी ने तेज और स्पिन गेंदबाजों के सामने नेट पर जमकर बल्लेबाजी भी की। कुल मिलाकर धोनी टीम मैन हैं और वह अपने साथियों को सलाह देते रहे। उनकी अगुवाई वाली झारखंड की टीम अपना पहला मैच ईडन गार्डन्स में 25 फरवरी को खेलेगी।
विजय हजारे ट्रॉफी में झारखंड की अगुवाई करेंगे धोनी
आईपीएल फ्रेंचाइजी राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स की कप्तानी से हटाए गए महेंद्र सिंह धोनी को 25 फरवरी से शुरू हो रही विजय हजारे ट्रॉफी के लिए मंगलवार (21 फरवरी) को झारखंड की टीम का कप्तान चुना गया। पिछले दो सत्र में झारखंड के लिए खेलते हुए धोनी ने कभी भी टीम की अगुवाई नहीं की, लेकिन इस बार उन्होंने जिम्मेदारी निभाने का बीड़ा उठाया। राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के लिए यह झारखंड की मजबूत टीम होगी। धोनी के अलावा उनके पास विस्फोटक इशान किशन और घरेलू सत्र के शीर्ष स्पिनर शाहबाज नदीम टीम में हैं। इशांक जग्गी और वरुण आरोन भी उनकी टीम में हैं, जिन्हें हाल में आईपीएल अनुबंध मिला है। इसके अलावा उनके पास सौरभ तिवारी और युवा विराट सिंह भी हैं।

