मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार (20 अप्रैल) को सीबीआई के पूर्व निदेशक आर के राघवन और अन्य द्वारा दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी जिसमें भारतीय क्रिकेट बोर्ड और इसके अध्यक्ष शशांक मनोहर को ऐसा कोई भी बदलाव करने से रोकने की मांग की गई थी जिससे आईसीसी के राजस्व में से बीसीसीआई का हिस्सा कम हो।

राघवन के वकील विजय नारायणन की दलीलें सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने याचिका खारिज कर दी। याचिकाकर्ता ने कहा था कि राजस्व वितरण मॉडल में छह प्रतिशत कटौती के मनोहर के एकतरफा प्रस्ताव से बीसीसीआई को कम से कम 1000 करोड़ रुपये नुकसान होगा। उन्होंने कहा था कि उन्होंने अखबार में छपी खबरों और तमिलनाडु क्रिकेट संघ से मिले ब्यौरे के आधार पर याचिका दायर की थी।