अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत के लिए शानदार प्रदर्शन करने वाले युवा बल्लेबाज शुभमन गिल अब आईपीएल में भी जमकर रन बरसा रहे हैं। चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ शुभमन गिल ने दमदार अर्धशतकीय पारी खेलकर कोलकाता नाइट राइडर्स को जीत दिलाने का काम किया। अंडर-19 वर्ल्ड कप में गिल ने लगातार 100 से ज्यादा औसत के साथ भारत के लिए रन बनाया और अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाया। इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसे स्ट्रेट ड्राइव, कवर ड्राइव और पंच शॉट्स लगाए जिसके बाद लोग उनकी तुलना भारतीय कप्तान विराट कोहली से करने लगे। हालांकि, गिल को आईपीएल में अपनी काबिलियत अभी साबित करना बाकी है। शुरुआती कुछ मैचों में कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान दिनेश कार्तिक ने गिल को बल्लेबाजी के लिए काफी नीचे भेजा, लेकिन चेन्नई के खिलाफ नीतीश राणा की गैरहाजिरी में अन्हें चौथे स्थान पर खेलने का मौका मिला। इस अवसर को गिल ने दोनों हाथों से पकड़ा और अर्धशतक जड़कर अपने टैलेंड का परिचय दिया। इस पारी के बाद गिल सबकी निगाहों में छाए हुए हैं, आने वाले मैचों के दौरान उनका प्रदर्शन टीम के साथ-साथ उनके करियर के लिए भी अहम साबित हो सकते हैं।

गिल के लिए आईपीएल में खेलने के सपने को पूरा करना कतई आसान नहीं था। गिल के पिता लखविंदर सिंह ने इस मुकाम तक पहुंचाने में उनका पूरा सहयोग किया है। लखविंदर सिंह ने बचपन से ही शुभमन की दिलचस्पी दूसरे खेलों की तुलना में क्रिकेट की ओर ज्यादा कर दी। 4 साल की उम्र से गिल ने क्रिकेट खेलना शुरू किया, इससे पहले गिल के परिवार में ज्यादातर लोग पहलवानी की तरफ ही अपना ध्यान लगाया करते थे। गिल के दादा जी एक पहलवान रह चुके हैं, वहीं जांघ में लगी चोट की वजह से लखविंदर सिंह पहलवान नहीं बन सकें। गिल के पिता उन्हें एक कामयाब क्रिकेटर बनाना चाहते थे, इसी वजह से वह अपनी फैमिली के साथ गिल को लेकर गांव से दूर मोहाली में एक किराये के घर में रहने आ गए।
लखविंदर सिंह ने मोहाली स्टेडियम के पास मौजूद एक अकेडमी में गिल का दाखिला कराया और टाइम मिलने पर खुद भी ट्रेनिंग देने लगे। पंजाब के लिए खेलते हुए अंडर-16 की विजय मर्चेंट ट्रॉफी में गिल पहली बार सुर्खियों में आए, इस मैच में उन्होंने एक तेज तर्रार दोहरा शतक जड़ा। हालांकि, इसके बाद कुछ दिनों तक गिल फॉर्म से भी जूझते रहे, इस दौरान उन्हें आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा। गिल ने हिम्मत नहीं हारी और अंडर-19 टीम में सिलेक्शन होने के बाद अलग ही अंदाज में बल्लेबाजी कर एक नई पहचान स्थापित कर ली।