दो साल बाद वापसी करते हुए वो भी अपने लगभग सभी मैच घर से बाहर खेलने के बाद भी चेन्नई सुपर किंग्स ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 11वें संस्करण का खिताब जीत अपने आलोचकों का मुंह बंद कर दिया। लीग से पहले सभी ने इस टीम को एक तरह से बूढ़ी टीम का दर्जा दिया था, लेकिन टीम ने बावजूद इसके फाइनल में सनराइजर्स हैदराबाद को एक तरफा मुकाबले में मात देकर तीसरा खिताब जीता। इस सीजन चेन्नई की टीम में एक ऐसा खिलाड़ी भी मौजूद था जो पिछले तीन साल से जिस टीम में भी रहा है, वह चैंपियन बनने में कामयाब रही है। हम बात कर रहे हैं रिस्ट स्पिनर कर्ण शर्मा की। सनराइजर्स हैदराबाद को हराने वाली चेन्नई की टीम का यह खिलाड़ी साल 2016 में हैदराबाद का ही हिस्सा था। हैदराबाद के लिए साल 2016 में कर्ण ने शानदार प्रदर्शन किया था, इसकी वजह से उनकी जमकर तारीफ भी हुई और टीम खिताब जीतने में कामयाब रही। हालांकि, फाइनल मैच में उन्हें प्लेइंग इलेवन में खेलने का मौका नहीं मिला था।
वहीं साल 2017 में कर्ण को मुंबई इंडियंस ने अपनी टीम में शामिल किया। मुंबई की टीम के लिए सीजन शानदार रहा और फाइनल मैच में पुणे सुपरजाएंट्स को हराकर टीम ने खिताब पर अपना कब्जा जमाया। पूरे सीजन टीम से अंदर-बाहर रहने वाले कर्ण को रोहित ने फाइनल मुकाबले में हरभजन सिंह की जगह टीम में शामिल किया। इस मैच में मुंबई को 129 रनों का बचाव करना था और टीम ऐसा करने में कामयाब रही। कर्ण शर्मा को इस मैच में विकेट हासिल नहीं हुई, लेकिन अपना चार ओवरों में उन्होंने महज 18 रन ही खर्चे।
हैदराबाद के खिलाफ रविवार को खेले गए मुकाबले में भी कर्ण शर्मा का योगदान टीम के लिए काफी फायदेमंद रहा। कर्ण ने 4 ओवर में 25 रन देकर इन फॉर्म बल्लेबाज केन विलियमसन को अपना शिकार बनाया। इस फाइनल मैच में चेन्नई के हरफनमौला खिलाड़ी शेन वॉटटसन ने 57 गेंदों पर नाबाद 117 रन बनाए और टीम को जीत दिलाने का काम किया।
