भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के साथ इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) फ्रेंचाइजियों की मेगा ऑक्शन को लेकर बैठक इस महीने के अंत में होगी। बीसीसीआई ने मालिकों से 30 या 31 जुलाई को होने वाली बैठक के लिए उपलब्ध रहने को कहा है। हालांकि बैठक दोनों में के किस तारीख को होगी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

क्रिकबज के अनुसार बैठक मुंबई में बीसीसीआई कार्यालय में होने की उम्मीद है। आम तौर पर ऐसी बैठकें किसी पांच सितारा होटल में होती हैं,लेकिन बीसीसीआई मालिकों को वानखेड़े स्टेडियम परिसर के अंदर अपने नए नवीनीकृत कार्यालय में बुलाना चाहता है।

खिलाड़ियों का रिटेंशन

बैठक का मुख्य एजेंडा खिलाड़ियों की रिटेनशन होगी। किसी फ्रैंचाइजी के लिए अनुमत रिटेंशन की संख्या पर राय बंटी हुई हैं। कुछ फ्रेंचाइजियों का तर्क है कि निरंतरता आवश्यक है, क्योंकि अधिकांश फ्रैंचाइजी अब 17 वर्षों से अधिक समय से अस्तित्व में हैं और रिटेंशन की संख्या आठ तक होनी चाहिए। यह तर्क दिया जा रहा है कि प्रशंसक जुड़ाव और ब्रांड बिल्डिंग के लिए उन्हें अपनी टीमों को उन खिलाड़ियों के इर्द-गिर्द बनाने की जरूरत है, जिनसे जोड़कर फ्रैंचाइजी की छवि देखी जाती है।

राइट टू मैच

इसके विपरीत कुछ फ्रैंचाइजियों ने बीसीसीआई को सूचित किया है कि रिटेंशन की संख्या कम से कम होनी चाहिए। इस बात पर भी बहस चल रही है कि मेगा ऑक्न में राइट टू मैच (RTM) विकल्प होना चाहिए या नहीं।

सैलेरी कैप और रिटेंशन वैल्यू

सैलेरी कैप पर भी चर्चा होगी, जो अगले तीन साल के साइकल के पहले वर्ष में लगभग 120 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। इसके बाद प्रत्येक खिलाड़ी के रिटेंशन वैल्यू पर भी चर्चा हो सकती है। पहले टॉप रिटेंशन को सैलरी के तौर पर सैलरी कैप का लगभग 16-17 प्रतिशत (90 करोड़ रुपये की सैलरी कैप में 15 करोड़ रुपये) था।

टॉप रिटेंशन को 20 करोड़ रुपये की सैलेरी मिलेगी

यदि इसमें बदलाव नहीं होता है तो इस बार टॉप रिटेंशन वाले खिलाड़ी का वेतन लगभग 20 करोड़ रुपये या उससे थोड़ा अधिक हो सकता है। हालांकि, यह अभी भी अटकलें ही हैं। बीसीसीआई से अपेक्षा की जा रही है कि वह रिटेन किए गए खिलाड़ियों के वेतन तय करने का फार्मूला बताए।