आइपीएल का 13वां सत्र तमाम बाधाओं के बाद शुरू होने को तैयार है। इस बार संयुक्त अरब अमीरात में 19 सितंबर से 10 नवंबर तक यह टूर्नामेंट हो रहा है। कोरोना संक्रमण की शुरुआती समस्याओं से जूझने के बाद अब आइपीएल की सभी टीमें पूरी तरह तैयार हैं। किसी भी टीम की सफलता में सलामी बल्लेबाजों की भूमिका अहम होती है इसलिए ज्यादातर टीमों ने आक्रामक सलामी बल्लेबाजों को तरजीह दी है। ऐसी टीमों में सनराइजर्स हैदराबाद, किंग्स इलेवन पंजाब, मुंबई इंडियंस, दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स बेहतर स्थिति में हैं। ऐसा नहीं है कि पिछली उपविजेता चेन्नई सुपरकिंग्स, कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर की सलामी जोड़ियां कमजोर हैं लेकिन वे टिकने वाले सलामी बल्लेबाज हैं पर गेंदबाजों का हुलिया बिगाड़ने वाले नहीं।

टीमों की सलामी जोड़ियों की बात करें तो सनराइजर्स हैदराबाद की डेविड वार्नर और जॉनी बेयरेस्टो, किंग्स इलेवन पंजाब की लोकेश राहुल और क्रिस गेल और मुंबई इंडियंस की रोहित शर्मा और क्विंटन डिकॉक की ऐसी सलामी जोड़ी हैं, जो किसी भी आक्रमण के धुर्रे बिखेर सकती है। अगर इन जोड़ियों ने पिछले साल जैसा ही प्रदर्शन किया तो इनके अभियान पर लगाम लगाना मुश्किल होगा।

पिछले साल वार्नर ने 12 मैचों में एक शतक और आठ अर्धशतकों के साथ सबसे ज्यादा 692 रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। वहीं बेयरेस्टो ने भी 10 मैचों में एक शतक और दो अर्धशतकों के साथ 445 रन बनाए थे। इसी तरह रोहित शर्मा और क्विंटन डिकॉक की जोड़ी ने मुंबई इंडियंस को विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। रोहित शर्मा ने चार अर्धशतकों के साथ 405 रन और डिकॉक ने चार अर्धशतकों के साथ 529 रन बनाए थे। वैसे भी रोहित शर्मा को क्रिकेट के छोटे प्रारूप में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में शुमार किया जाता है।

रोहित शर्मा की तरह ही लोकेश राहुल ने भी धाक जमाई है। लोकेश राहुल के जोड़ीदार दुनिया के टी-20 क्रिकेट के सफलतम बल्लेबाज क्रिस गेल हैं। गेल पर उम्र के चढ़ते प्रभाव के कारण किसी भी टीम ने नीलामी में पिछले साल उन ऊपर बोली ही नहीं लगाई। आखिर में किंग्स इलेवन ने उन्हें आधार राशि पर खरीद लिया था। गेल ने 13 मैचों में चार अर्धशतकों के साथ 490 रन बनाकर टीम मालिकों द्वारा उनके ऊपर दिखाए भरोसे को सही साबित कर दिया। यह कहावत है कि ‘हाथी कितना नटेगा’ यानी पतला होगा। गेल की भी हालत यही है। वह बहुत ही आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करने वाले हैं। लोकेश राहुल पिछले एक-दो सीजन से जिस तरह निखरकर आए हैं, उससे किंग्स इलेवन की गिनती मजबूत टीमों में होने लगी है। पिछले सीजन में वह रन बनाने के मामले में 593 रन बनाकर दूसरे नंबर पर रहे थे।

टीम को धाकड़ शुरुआत दिलाने के मामले में दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स भी काफी मजबूत हैं। दिल्ली कैपिटल्स के पास शिखर धवन और पृथ्वी शॉ की जोड़ी है। यह जोड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी जलवा बिखेरने में सफल रही है। इस जोड़ी ने पिछले सत्र में भी उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन किया था। इस जोड़ी पर भी किसी भी गेंदबाज को दबदबा बनाना आसान नहीं होगा क्योंकि दोनों ही खुलकर खेलते हैं। दोनों में से किसी के रंगत में नहीं खेलने या चोटिल हो जाने में उनके पास अजिंक्य रहाणे भी हैं। वहीं राजस्थान रॉयल्स के पास जोस बटलर जैसा विस्फोटक बल्लेबाज है। राजस्थान के लिए खुशखबरी वाली बात यह है कि बटलर ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करके पूरे रंग में हैं। यहां तक उनके जोड़ीदार की बात है तो यशस्वी जायसवाल इस जिम्मेदारी को निभा सकते हैं। यशस्वी ने अंडर-19 विश्व कप और घरेलू सत्र में तो शानदार प्रदर्शन किया है लेकिन उनका आइपीएल का यह पहला सत्र है और बटलर की देखरेख में उनके पास निखरने का भरपूर मौका होगा।

चेन्नई सुपरकिंग्स की शेन वाटसन और फाफ डु प्लेसी, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के एरोन फिंच और पार्थिव पटेल, कोलकाता नाइट राइडर्स के शुभमन गिल और सुनील नरेन की जोड़ी भी टीम को मजबूत शुरुआत देने का माद्दा रखती है। यह सही है कि यह आक्रामक जोड़ियां नहीं हैं। मजबूत आधार देकर जीत की राह बनाना जानती हैं। इसलिए इस बार मुकाबले काफी तगड़े हो सकते हैं और सलामी बल्लेबाज अपनी टीमों की जीत की राह बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।