महेंद्र सिंह धोनी को आईपीएल 10 के मुंबई इंडियंस और राइजिंग पुणे सुपरजाएंट के बीच मैच के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन पर के चलते फटकार झेलनी पड़ी है। मैच रैफरी मनु नायर ने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान धोनी को मैच के बाद बुलाया और उनके व्यवहार के लिए आधिकारिक रूप से लताड़ लगाई। बीसीसीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया कि धोनी को लेवल एक अपराध का दोषी पाया गया। यह खेल भावना के खिलाफ है। इस तरह के अपराध में मैच रैफरी का निर्णय अंतिम होता है।
यह नहीं बताया गया कि धोनी ने किस तरह से खेल भावना को नुकसान पहुंचाया। हालांकि बताया जा रहा है कि उन्होंने मैच के दौरान डीआरएस का इशारा किया था। इसके चलते उन्हें यह फटकार लगी। मुंबई इंडियंस के खिलाफ मैच के दौरान धोनी काफी खुशमिजाज नजर आ रहे थे। मुंबई की पारी के 15वें ओवर के दौरान इमरान ताहिर की गेंद पर कीरोन पोलार्ड के खिलाफ पगबाधा की अपील की गई थी। अंपायर एस रवि ने इसे ठुकरा दिया था। अपील काफी करीबी थी लेकिन अंपायर के नॉट आउट के फैसले के बाद ताहिर गेंदबाजी करने के लिए रवाना हो गए वहीं स्टंप्स के पीछे खड़े एमएस धोनी ने डीआरएस का इशारा कर दिया। इससे काफी लोग हंसने लगे।
बताया जाता है कि धोनी ने यह इशारा अंपायर के फैसले पर ताना मारने के लिए किया था। इसी के चलते धोनी को मैच रैफरी ने फटकार लगाई। यह मुकाबला पुणे ने एक गेंद बाकी रहते 7 विकेट से जीता था। कप्तान स्टीव स्मिथ ने नाबाद 84 रन की पारी खेल टीम को विजेता बनाया था।
आईपीएल के 10वें सीजन में महेंद्र सिंह धोनी कप्तान की भूमिका में नहीं हैं। इस टूर्नामेंट के 10 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है। इससे पहले वे हमेशा कप्तान के रूप में नजर आए थे। आईपीएल 10 की बोली की पूर्व संध्या पर पुणे टीम के मालिकों ने ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ को टीम का नया कप्तान नियुक्त कर दिया था।
रिपोर्ट्स के अनुसार धोनी और टीम मालिकों के बीच कई मुद्दों पर असहमति थी। कई खिलाड़ी धोनी की पसंद के इतर खरीदे गए थे। आईपीएल 9 में पुणे सुपरजाएंट नीचे से दूसरे पायदान पर रहे थे। राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपरकिंग्स को दो साल के लिए संस्पेंड करने के बाद गुजरात और पुणे को नई टीमों के रूप में शामिल किया गया था।

