India vs West Indies (Ind vs WI) 1st Test: टीम इंडिया ने दो मैच की सीरीज के पहले टेस्ट की पहली पारी में 6 विकेट पर 203 रन बना लिए हैं। गुरुवार को पहले दिन का खेल खत्म होने तक ऋषभ पंत 20 और रविंद्र जडेजा 3 रन बनाकर नाबाद थे। बारिश के कारण पहले दिन 68.5 ओवर का ही खेल हो पाया। इस मैच में भारत की शुरुआत खराब रही। इसके बाद अजिंक्य रहाणे (81 रन) टीम इंडिया का सहारा बने। उनके अलावा लोकेश राहुल (44) और हनुमा विहारी (32) ने भी टीम के लिए उपयोगी पारियां खेलीं।
वेस्टइंडीज के लिए केमार रोच ने 2 और शेनॉन गैब्रियल ने 2 विकेट लिए। रोस्टन चेज भी एक विकेट लेने में सफल रहे। इससे पहले वेस्टइंडीज ने टॉस जीता और गेंदबाजी का फैसला किया। भारतीय टीम की शुरुआत खराब रही। टीम ने महज 5 के स्कोर पर मयंकअग्रवाल का विकेट गंवा दिया। मयंक को केमार रोच ने शाई होप के हाथों कैच आउट कराया।
चार गेंद बाद चेतेश्वर पुजारा भी रोच का शिकार बने। शाई होप ने उनका कैच लपका। भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 13 साल बाद 5 विकेट के भीतर 2 विकेट गंवाए। इससे पहले 2006 में किंग्सटन में हुए टेस्ट मैच में दोनों पारियों में 5 विकेट के अंदर ही टीम इंडिया के दोनों ओपनर पवेलियन लौट गए थे। तब राहुल द्रविड़ टीम के कप्तान थे।
दो विकेट जल्दी गिरने के बाद बल्लेबाजी करने आए कप्तान विराट कोहली भी कोई कमाल नहीं दिखा पाए। उनको शेनॉन ग्रेबियल ने पवेलियन भेजकर भारत को बड़ा झटका दिया। कोहली 9 रन ही बना पाए।
1 अगस्त से शुरू हुई आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप में दोनों टीमों का यह पहला मैच है। भारतीय टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ 17 साल से नहीं हारी है। उसे पिछली हार 2002 में जमैका में मिली थी। तब से दोनों टीमों के बीच 21 मैच खेले गए। इस दौरान भारतीय टीम 12 मैच में जीती। 9 मुकाबले ड्रॉ रहे। भारत ने पिछली सीरीज में वेस्टइंडीज को 2-0 से हराया था। दोनों टीमों के बीच यह वेस्टइंडीज में यह 50वां टेस्ट है।
सुबह की बारिश के कारण खेल देरी से शुरू हुआ और पिच में नमी थी। ऐसे में ड्यूक गेंदों का सामना करना भारतीयों के लिये आसान नहीं रहा और रोच और गैब्रियल ने इसका पूरा फायदा उठाया।
लंच तक भारतीय टीम को तीन विकेट जल्दी गिरने के बाद केएल राहुल और अजिंक्य रहाणे संभलकर खेलते हुए 68 के स्कोर तक पहुंचाया। इन दोनों ही बल्लेबाजों की कोशिश दूसरे सत्र में भी इस बल्लेबाजों को जारी रखने की होगी।
अजिंक्य रहाणे 42 गेंदों में 2 चौके की मदद से 10 के स्कोर पर आ गए हैं। रहाणे पिच पर जम गए हैं और यहां से वह बड़ी पारी खेलना चाहेंगे।
केएल राहुल और रहाणे के बीच 51 गेंदों में 19 रनों की साझेदारी हो चुकी है। इस साझेदारी को और बढ़ाने की जरूरत है।
31 गेंदों में 12 रनों पर बल्लेबाजी कर रहे केएल राहुल टीम के लिए बड़ी पारी खेलना चाहेंगे। बतौर ओपनर राहुल के लिए यहां से एक दमदार पारी खेलने की सख्त जरूरत है।
दो विकेट जल्दी गिरने के बाद बल्लेबाजी करने आए कप्तान विराट कोहली को शेनॉन ग्रेबियल ने पवेलियन भेजकर भारत को बड़ा झटका दिया। कोहली टीम के लिए सिर्फ 9 रन ही बना सकें।
मयंक के आउट होने के तुरंत बाद चेतेश्वर पुजारा भी रोच की गेंद पर होप को अपना कैच थमा बैठे। भारत ने महज 7 के स्कोर पर अपना दूसरा विकेट गंवा दिया।
भारतीय टीम की शुरुआत खराब रही। टीम ने महज 5 के स्कोर पर मयंकअग्रवाल का विकेट गंवा दिया। मयंक अग्रवाल को केमार रोच ने 5 रनों पर शाई होप के हाथों कैच आउट कराया।
जेसन होल्डर (कप्तान), क्रेग ब्रैथवेट, शाई होप, डॉरेन ब्रावो, शिमरॉन हेटमायर, शरमाह ब्रुक्स, रोस्टन चेज, जॉन कैंपल, मिगुल कमिंस, शेनॉन ग्रेबियल और केमार रोच।
जेसन होल्डर ने भारत को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया है। भारत की ओर से मयंक अग्रवाल और केएल राहुल पारी की शुरुआत करेंगे। रोहित को टीम में जगह नहीं मिली है।
मैच के एक दिन पहले विराट कोहली ने कहा, 'ओपनिंग कॉम्बिनेशन में हमने केवल 2 ओपनर्स को चुना है तो उनसे 4 पारियां खिलाने का इरादा है। मयंक ने काफी अच्छा खेला है और केएल राहुल ने पहले काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।'
टेस्ट चैंपियनशिप की अपनी पहली सीरीज में भारतीय टीम दो मैचों से कुल 120 अंक हासिल कर सकती है। कोहली ने कहा, 'टेस्ट चैंपियनशिप कई चीजों को सही तरह से रखता है। जब आपको जीत से अंक मिलते हैं और आप किसी चीज को हासिल करने के लिए बढ़ते हैं तो सब चीजें काफी महत्वपूर्ण बन जाती हैं।'
मैच से पहले कोहली ने कहा, 'टेस्ट क्रिकेट में आपको लगातार अपनी गलतियों में सुधार करते रहने की जरूरत होती है। आपको हार से जल्दी सीखना होता है। और टेस्ट चैंपियनशिप खेल में यही लेकर आया है। जो टीम अपनी गलतियों से जल्दी सीखेगी वही आखिर में टेस्ट चैंपियनशिप में टॉप पर रहेगी।'
भारतीय टीम सात महीने बाद कोई टेस्ट मैच खेल रही है। भारत की आखिरी टेस्ट सीरीज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ थी। भारत ने वह सीरीज 2-1 से जीती थी। इसके साथ ही वह ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने वाली पहली एशियाई टीम बन गई थी।