बचाव में दी गई बीसीसीआइ की दलीलों से प्रभावित हुए बगैर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) ने सोमवार को नागपुर के जामथा स्टेडियम प्रशासन को ऐसी पिच तैयार करने के लिए ‘आधिकारिक चेतावनी’ दी जिसे भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीसरे टैस्ट के बाद मैच रैफरी ने खराब करार दिया था। बताते चलें कि जामथा आइसीसी चेयरमैन और बीसीसीआइ अध्यक्ष शशांक मनोहर का घरेलू मैदान है। जामथा की पिच से स्पिनरों को पहले ही दिन काफी टर्न मिल रहा था।

आइसीसी ने बयान में कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद आज घोषणा करती है कि नागपुर में जामथा स्टेडियम को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीसरे टैस्ट के बाद आइसीसी पिच निगरानी प्रक्रिया के तहत आधिकारिक चेतावनी दी जाती है। बयान के अनुसार, यह सजा इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए दी गई है कि इस स्थल पर खेले गए अन्य अंतरराष्ट्रीय मैचों के दौरान पिच के प्रदर्शन को लेकर कभी कोई चिंता नहीं जताई गई। फैसला सुनाते हुए आइसीसी के जैफ क्रो पिच को खराब रेटिंग दिए जाने से सहमत दिखे। क्रो पिछले महीने तीन दिन के भीतर समाप्त हुए इस मैच में मैच रैफरी थे।

क्रो का मानना था कि पिच पर बल्ले और गेंद के बीच उचित प्रतिस्पर्धा नहीं थी। आइसीसी के क्रिकेट महाप्रबंधक ज्यौफ एलार्डिस और आइसीसी के मुख्य मैच रैफरी रंजन मदुगले ने मैच की वीडियो फुटेज, क्रो की रिपोर्ट और बीसीसीआइ के जवाब को ध्यान में रखते हुए यह सजा सुनाई। नागपुर की पिच की पूर्व क्रिकेटरों ने भी आलोचना की थी जिसमें आस्ट्रेलिया के मैथ्यू हेडन और इंग्लैंड के माइकल वान जैसे खिलाड़ी भी शामिल थे। भारतीय टैस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली और टीम निदेशक रवि शास्त्री ने हालांकि पिच का बचाव करते हुए कहा था कि पिच में कुछ भी गलत नहीं था।