विराट कोहली, रोहित शर्मा, रविंद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह, आर अश्विन इन सभी खिलाड़ियों ने महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में टीम इंडिया के लिए पदार्पण किया। इनको कैप्टन कूल से काफी समर्थन मिला और ये सभी आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के बड़े नाम हैं। कोहली और रोहित विश्व क्रिकेट के दो सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं, जबकि अश्विन सबसे महान टेस्ट स्पिनर हैं। जहां तक जडेजा तो उनकी गिनकी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में होती है।

साल 2016 में, एक और प्रतिभावान ऑलराउंडर ने धोनी के नेतृत्व में पदार्पण किया, जिसने अपने लिए काफी नाम कमाया। कुछ समय के लिए भारतीय टीम से बाहर रहे हार्दिक पांड्या ने इंडियन प्रीमियर लीग 2022 में शानदार प्रदर्शन करके वापसी की। उन्होंने न केवल बल्ले और गेंद से बेहतर प्रदर्शन किया, बल्कि अपनी कप्तानी में गुजरात टाइटंस को आईपीएल का खिताब भी दिलाया।

टीम इंडिया के लिए अपने डेब्यू को याद करते हुए हार्दिक ने कहा कि एमएस धोनी से उन्हें जो समर्थन मिला, वह शानदार था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गेंदबाजी करते हुए हार्दिक अपने पहले ओवर में 21 रन दिए। ऐसे कोई अन्य कप्तान एक युवा खिलाड़ी को एक और ओवर देने से हिचकिचाता, लेकिन धोनी ने उनपर आत्मविश्वास जताया और उनसे दो और ओवर कराए। दाएं हाथ के गेंदबाज ने तीन ओवर में 37 रन देकर 2 विकेट लिए।

हार्दिक पांड्या ने एसजीटीवी पॉडकास्ट से कहा, “जब मैं भारतीय टीम में शामिल हुआ, तो मैंने उन लोगों को देखा जिन्हें मैंने बड़े होते हुए देखा था। सुरेश रैना, हरभजन सिंह, युवराज सिंह, एमएस धोनी, विराट कोहली और आशीष नेहरा। इससे पहले कि मैं भारत के लिए खेलता, वे स्टार थे। मेरे लिए वहां तक पहुंचना बहुत बड़ी बात थी।”

पांड्या को लगा था कि पहले ओवर में 21 रन देने के बाद उनका करियर खत्म हो गया। उन्होंने कहा, “मैंने जिस तरह की शुरुआत की थी, मुझे लगा है कि मैं पहला क्रिकेटर हूं जो अपने पहले ओवर में 21 रन दिया होग। मुझे वास्तव में लगा कि यह मेरा आखिरी ओवर हो सकता है। लेकिन मैं बहुत भाग्यशाली था कि माही भाई के नेतृत्व में खेल रहा था, जिन्होंने हम पर काफी भरोसा दिखाया। इससे हमें इस मुकाम तक पहुंचने में मदद मिली।”

हार्दिक को तीनों में से किसी भी मैच में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला, लेकिन उन्होंने तीन विकेट चटकाए। हालाxकि, हार्दिक से धोनी इतने प्रभावित हुए कि पूर्व कप्तान ने भारत के विश्व कप टीम में ऑलराउंडर के तौर पर उनको चुनने की गारंटी दी, जो कुछ महीने बाद होना था। उन्होंने कहा, ” मेरे अंतरराष्ट्रीय करियर के तीसरे मैच के ठीक बाद माही भाई ने मुझसे कहा कि तुम विश्व कप टीम होगे। मैंने उस मैच में बल्लेबाजी भी नहीं की, लेकिन उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि आपने खुद को व्यक्त किया है। यह एक सपना सच होने जैसा था।”