टीम इंडिया के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह केवल अक्रामक गेंदबाज नहीं थे। उनका व्यक्तित्व भी काफी अक्रामक था। ‘मंकीगेट’ एपिसोड, आईपीएल मैच के दौरान एस श्रीसंत को थप्पड़ मारना और 2008 में पर्थ में जीत के बाद तिरंगे के साथ मैदान पर दौड़ना इस बात की गवाही है। अब 14 साल बाद हरभजन सिंह ने आईपीएल 2022 ‘स्लैपगेट’ विवाद पर चुप्पी तोड़ी है।
मुंबई इंडियंस (MI) और किंग्स इलेवन पंजाब (अब पंजाब किंग्स) के बीच मोहाली के आईएस बिंद्रा पीसीए स्टेडियम में मैच के दौरान हुए वाकये के बाद उन्हें बाकी सीजन के लिए बैन कर दिया गया था और उन्हें कप्तानी से भी हटा दिया गया था। भज्जी को श्रीसंत को थप्पड़ मारने का आज भी मलाल है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें कोई गलती सुधारने का मौका मिलेगा, तो वह श्रीसंत के साथ मैदान पर किए व्यवहार को सुधारते।
हरभजन ने इसे लेकर एक प्रमोशनल इवेंट में कहा, “जो हुआ वह गलत था। मैंने भूल की। मेरी वजह से मेरी टीम के साथी को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। मैं शर्मिंदा था। अगर मुझे एक गलती सुधारनी होगी, तो मैं श्रीसंत के साथ मैदान पर किया ऐसा व्यवहार सुधारता। ऐसा नहीं होना चाहिए था। जब मैं इसके बारे में सोचता हूं, तो मुझे लगता है कि इसकी कोई आवश्यकता नहीं थी।”
श्रीसंत को भी उनके विवाद पर पछतावा है और उन्हें लगा कि इस दौरान उनसे भी गलती हुई थी। उनका कहना है कि उन्होंने तब से बहुत कुछ सीखा है और उनकी बॉन्डिंग मजबूत हुई है और वह हरभजन के समर्थन और पिछले सात वर्षों में दी गई बहुमूल्य सलाह के लिए आभारी हैं। हरभजन ने जब थप्पड़ मारा तो तेज गेंदबाज रोने लगे थे।
इसके बाद हरभजन पर पूरे सीजन के लिए बैन लगा दिया गया था। दोनों ही खिलाड़ी इसके बाद भी एक साथ खेलते नजर आए। दोनों वर्ल्ड कप 2011 में टीम इंडिया का हिस्सा थे, जो महेंद्र सिंह धोनी के अगुवाई में विजेता भी बनी थी। इस कांड से पहले महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में साल 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया का भी हिस्सा थे। श्रीसंत का करियर भी विवादों से भरा रहा है। आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में इनका भी नाम था।
