वेस्टइंडीज के खिलाफ 3 मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मैच के बाद दिग्गज जेम्स एंडरसन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया। 41 साल के इस दिग्गज ने भले ही संन्यास ले लिया हो, लेकिन इंग्लैंड के ड्रेसिंग रूम को वह अभी नहीं छोड़ेंगे। संन्यास के बाद उन्हें अहम जिम्मेदारी मिली है। बेन स्टोक्स की अगुआई वाली टीम को अलविदा कहने के बाद वह कोच ब्रेंडन मैकुलम की टीम का हिस्सा बन गए हैं।
यानी एंडरसन को इंग्लैंड का बॉलिंग मेंटर बना दिया गया है। वह मंगलवार (16 जुलाई) को पहली बार इस भूमिका में दिखे। वह जब इंग्लैंड के ट्रैक सूट में मैदान पर नई भूमिका में उतरे तो टीम के पूर्व साथियों और नए कोचिंग सहयोगियों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया गया। उन्होंने अपने नए भूमिका की शुरुआत हेड को ब्रेंडन मैकुलम को स्लिप कॉर्डन के ड्रिल में मदद करके की। उन्होंने तेज गेंदबाज मार्क वुड और डिल्लन पेनिंग्टन के साथ समय बिताया। मैथ्यू पॉट्स ने भी गेंदबाजी प्रैक्टिस की।
इंग्लैंड की प्लेइंग 11 घोषित
बता दें कि इंग्लैंड ने हमेशा की तरह टेस्ट मैच शुरू होने से पहले ही प्लेइंग 11 घोषित कर दी है। बेन स्टोक्स ने टीम में केवल एक बदलाव किया है। जेम्स एंडरसन की जगह मार्क वुड को मौका मिला। लॉर्ड्स टेस्ट में गस एटकिंसन ने डेब्यू किया था। उन्होंने मैच में 12 विकेट लिए थे। वुड पहले टेस्ट में टीम का हिस्सा नहीं थे।
जेम्स एंडरसन का लंबा टेस्ट करियर
जेम्स एंडरसन का लंबा टेस्ट करियर क्रिकेट के लिए उनके अटूट समर्पण का प्रमाण है। अपने 188 टेस्ट मैचों में, उन्होंने 56.8 की स्ट्राइक रेट और 2.79 की इकॉनमी रेट के साथ 26.45 की औसत से 704 विकेट लिए। 7/42 के उनके सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आंकड़े बल्लेबाजी लाइनअप को ध्वस्त करने की उनकी क्षमता को दर्शाते हैं। एंडरसन के नाम टेस्ट क्रिकेट में तेज गेंदबाज के तौर पर सबसे अधिक विकेटों का रिकॉर्ड है। उनके अलावा उनके पूर्व साथी स्टुअर्ट ब्रॉड ने ही बतौर तेज गेंदबाद 600 विकेट का आंकड़ा पार किया है। एंडरसन ने 188 टेस्ट खेल हैं। वह सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे सबसे ज्यादा टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ी हैं।