डीडीसीए ने गुरुवार (22 सितंबर) को दिल्ली के कुछ पूर्व खिलाड़ियों पर उसके ऊपर कीचड़ उछालने का दोषारोपण करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि क्रिकेट संस्था से उन्हें काफी लाभ मिला है लेकिन उनके अंदर अधिक से अधिक हासिल करने की ‘अतृप्त भूख’ है तथा वे अपनी अकादमियों के खिलाड़ियों या उम्मीद्वारों को टीम में शामिल करना चाहते हैं। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने किसी पूर्व क्रिकेटर का नाम लिए बिना कहा कि इन पूर्व क्रिकेटरों के बच्चों को दिल्ली टीम में नहीं लिया गया और इसलिए उन्होंने ब्लैकमेल करने का तरीका अपनाया और संस्था के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज करायी।
डीडीसीए ने एस रवींद्र भट और दीपा शर्मा की पीठ से कहा, ‘यह अफसोसजनक है कि कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने डीडीसीए पर कीचड़ उछाला। ये वही खिलाड़ी जिन्होंने डीडीसीए से सबसे अधिक फायदा उठाया लेकिन खेदजनक है कि वे लालची हैं और अधिक से अधिक हासिल करना चाहते हैं। वे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को पीछे हटाकर उनके खुद के खिलाड़ियों को टीम में शामिल करने के लिए नियमों में बदलाव चाहते हैं।’
डीडीसीए में विभिन्न गुट क्रिकेट संस्था में गड़बड़ी के लिये एक दूसरे पर आरोप लगाते रहे हैं जिसके कारण मानहानि के कई मामले दर्ज किए गए। इनमें से एक मामला डीडीसीए के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप के अन्य नेताओं के खिलाफ दर्ज किया था। पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान ने भी केजरीवाल और भाजपा सांसद कीर्ति आजाद के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया जबकि कुछ अन्य ने बिशन सिंह बेदी और सुरिंदर खन्ना को अदालत में खींचा।