पाकिस्तान के पूर्व स्पिनर दानिश कनेरिया ने देश के प्रधानमंत्री इमरान खान और क्रिकेट प्रशासकों से मदद की गुहार लगाई है। हालांकि, एक तथ्य यह भी है कि इमरान खान पर ही पाकिस्तान के पहले हिंदू क्रिकेटर का करियर खत्म करने का आरोप लगा था। कनेरिया ने बताया कि उनके जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं गुजर रहा, वह बहुत तकलीफ में हैं। इंग्लिश काउंटी के क्लब एसेक्स के लिए खेलने के दौरान कनेरिया स्पॉट फिक्सिंग के दोषी पाए गए थे। जिसके बाद उन पर बैन लगा दिया गया और इसके बाद उन्हें कभी क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिला। एक बयान में कनेरिया ने बताया कि अन्य क्रिकेटर जिन पर इस तरह का आरोप लगा था, उन सभी के मामले हल हो चुके हैं। मोहम्मद आमिर ने बैन लगने के बाद एक बार फिर इटंरनैशनल क्रिकेट तक में वापसी कर ली। लेकिन इस मामले में उनकी कभी किसी ने मदद नहीं की।
कनेरिया ने पीएम को पत्र लिखकर कहा, ‘माननीय प्रधानमंत्री इमरान खान, पाकिस्तान के क्रिकेट प्रशासकों और अन्य देशों समेत मुझे इस मुसीबत से निकालने के लिए पाकिस्तान के सभी दिग्गज खिलाड़ियों के समर्थन की जरूरत है। कृपया आगे आएं और मेरी मदद करें।’ पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान एक क्रिकेटर रह चुके हैं और वह अपने देश का नेतृत्व कई साल तक कर चुके हैं। पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पहले हिंदू क्रिकेटर अनिल दलपत के करियर को खत्म करने का आरोप भी इमरान पर ही लगा है।
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साल 2002 के दौरान अनिल दलपत ने इमरान खान पर आरोप लगाते हुए कहा था कि इमरान की वजह से उनका क्रिकेट करियर सिर्फ 2 साल का रहा, जबकि मैं आगे और खेल सकता था। उन्होंने एक बयान में कहा था, ‘इमरान की वजह से मैं कम क्रिकेट खेला। मुझे कम ही मौके मिले लेकिन मैं और खेल सकता था।’ अनिल दलपत को पाकिस्तान की ओर से केवल 9 टेस्ट और 15 वनडे इंटरनैशनल मैच खेलने का मौका मिला। वह एक विकेटकीपर बल्लेबाज थे, अपने इस छोटे से करियर में वह अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब नहीं हो सकें।
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भारत की बात करें तो यहां कई मुस्लिम क्रिकेटरों ने टीम का प्रतिनिधित्व किया है। जबकि पाकिस्तान के हालात ऐसे नहीं रहे हैं। पाक क्रिकेट के 67 साल के इतिहास में सिर्फ दो हिंदू क्रिकेटरों को खेलने का मौका मिला है। दानिश कनेरिया और अनिल दलपत के अलावा पाक ने किसी भी हिंदू क्रिकेटर को अपनी टीम में शामिल नहीं किया।