भारत और आॅस्ट्रेलिया के बीच चार मैचों की बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज के रांची में खेले जा रहे तीसरे मुकाबले में चेतेश्वर पुजारा ने खुद को एक बार फिर भारत का नया ‘द वॉल’ साबित किया है। मिस्टर डिपेंडेबल चेतेश्वर पुजारा ने 525 गेंदों की मेराथन पारी में 21 चौकों की मदद से शानदार 202 रन बनाए। उन्होंने मैच के एक दूसरे शतकवीर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा (117) के साथ सातवें विकेट के लिए 199 रनों की साझेदारी कर आॅस्ट्रेलिया के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी। पुजारा का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ये दूसरा दोहरा शतक है। अपनी इस पारी के दौरान पुजारा ने राहुल द्रविड़ को भी एक मामले में पीछे छोड़ दिया।
अपनी इस पारी के बाद चेतेश्वर पुजारा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो दोहरे शतक जमाने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। इससे पहले सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण ने भी कंगारुओं के खिलाफ दो-दो दोहरे शतक जमाए थे। पुजारा ने अपने टेस्ट करियर का तीसरा दोहरा शतक जमाने के लिए 521 गेंदों का सामना किया। इस पारी के दौरान पुजारा के बल्ले से 21 चौके निकले। पुजारा ने दोहरा शतक जमाने के लिए 630 से भी ज़्यादा मिनट तक बल्लेबाज़ी की। हालांकि पुजारा 525 गेंदों का सामना करने के बाद 202 रन बनाकर आउट हो गए। लेकिन इससे पहले उन्होंने अपना काम पूरा कर दिया था।
पुजारा ने पहले मुरली विजय के साथ शतकीय साझेदारी की, विजय के आउट होने के बाद दूसरे छोर से भारत के विकेट गिरते जा रहे थे। विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, आर अश्विन विकेअ पर ज्यादा देर नहीं टिक सके और एक समय भारत का स्कोर 328 रन पर 6 विकेट हो गया और लग रहा था कि भारत की पारी आॅस्ट्रेलिया के 451 रनों के जवाब में पहले ही सिमट जाएगी। लेकिन साहा ने साहस दिखाया तो पुजारा ने भी अपना जादू चलाया। पुजारा ने साहा के साथ मिलकर सातवें 199 रनों की साझेदारी की और भारतीय टीम को मुश्किलों से निकाला। इस पारी के दौरान चेतेश्वर पुजारा ने टीम इंडिया की दीवार रहे राहुल द्रविड़ को भी पीछे छोड़ दिया और वो एक पारी में 500 से ज़्यादा गेंदे खेलने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज़ बन गए।
इससे पहले ये रिकॉर्ड राहुल द्रविड़ के नाम था। द्रविड़ ने सन 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ 495 गेंदों का सामना किया था। द्रविड़ के बाद एक पारी में सबसे ज़्यादा गेंदें खेलने वालों में नवजोत सिंह सिद्धू का नाम आता है। सिद्धू ने 1997 में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ खेलते हुए 491 गेंदों का सामना किया था। दिलचस्प बात ये है कि द्रविड़ और सिद्धू दोनों ने ही अपनी इस पारी के दौरान दोहरा शतक जमाया था।
