चेतेश्वर पुजारा ने इंदौर टेस्ट के चौथे दिन न्यूजीलैंड के खिलाफ शतक जड़ दिया। पुजारा ने शानदार अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए टेस्ट क्रिकेट में आठवां शतक लगाया। उन्होंने 147 गेंद में नौ चौकों की मदद से सैंकड़ा पूरा किया। इस पारी की मदद से भारत ने तीसरे टेस्ट में न्यूजीलैंड के सामने जीत के लिए 475 रन का लक्ष्य रखा। पुजारा लंबे समय से फॉर्म के संकट से जूझ रहे थे। लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में वे रिदम में लौट आए। इस सीरीज में उन्होंने सबसे ज्यादा 373 रन बनाए है। इसमें तीन अर्धशतक और एक शतक शामिल हैं। कानपुर टेस्ट की दोनों पारियों में उन्होंने फिफ्टी लगाई थी। इसके बाद कोलकाता टेस्ट की पहली पारी में भी उन्होंने हाफ सेंचुरी लगाई।
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पुजारा ने 10 टेस्ट के बाद सेंचुरी लगार्इ है। इस शतक से पहले उन्होंने पिछले साल अगस्त में श्रीलंका दौरे पर नाबाद 145 रन बनाए थे। इसके बाद इस सीरीज से पहले वे केवल एक फिफ्टी लगाई थी। इसके चलते टीम में उनकी जगह पर भी खतरा पैदा हो गया था। कप्तान विराट कोहली ने उन्हें टीम से बाहर भी कर दिया था। लेकिन बाद में कोच अनिल कुम्बले के विश्वास के चलते उन्हें मौका दिया गया। पुजारा इस विश्वास पर खरे उतरे। पुजारा की स्ट्राइक रेट को लेकर भी कोहली नाखुश थे। इस संबंध में उन्होंने पुजारा से बात भी की थी। इंदौर टेस्ट में शतक के साथ पुजारा ने स्ट्राइक रेट का मसला भी सुलझा लिया। इस पारी के दौरान उन्होंने 61 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए।
पुजारा ने स्ट्राइक रेट के बारे में कहा था, ‘जब टेस्ट की बात आती है तो स्ट्राइक रेट पर अधिक ध्यान देने की जरूरत नहीं होती लेकिन सकारात्मक रवैये पर ध्यान देने की जरूरत होती है। इस तरह के विकेटों पर आप लगातार रन बनाते हुए 70 या 80 से अधिक का स्ट्राइक रेट नहीं रख सकते। आपको स्थिति के अनुसार बल्लेबाजी करनी होगी। आपको पता होना चाहिए कि टीम की क्या जरूरत है।’
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