भारतीय क्रिकेट बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने बीसीसीआई में सुधार प्रक्रिया जारी रखने के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए साफ किया कि बोर्ड उच्चतम न्यायालय से नियुक्त लोढ़ा समिति की ‘व्यावहारिक’ सिफारिशों को लागू करने से दूर नहीं भागेगा। निर्विरोध बीसीसीआई अध्यक्ष चुने जाने के बाद पत्रकारों से बात करने के लिए आए ठाकुर को सिफारिशों को लेकर कई सवालों का सामना करना पड़ा जिनका बोर्ड अब तक विरोध करता रहा है। बीसीसीआई के दूसरे सबसे युवा अध्यक्ष चुने गये 41 वर्षीय ठाकुर ने कहा कि वह आगे की स्थितियों का सामना करने के लिये तैयार हैं।
ठाकुर से पूछा गया उच्चतम न्यायालय से नियुक्त पैनल की सुधार संबंधी सिफारिशों को देखते हुए क्या वह आगे के कठिन दौर के लिये तैयार हैं, उन्होंने कहा, ‘जहां चुनौतियां होती हैं, वहां अवसर होते हैं। यह सब आपकी सोच पर निर्भर करता है। मैं इसे अवसर के रूप में देखता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘‘हम लोढ़ा समिति की सिफारिशों से भाग नहीं रहे हैं लेकिन हम उन सिफारिशों का उपयोग करने में पक्ष में हैं जो व्यावहारिक हैं। हमने लोढ़ा समिति की सिफारिशों से पहले ही सुधार कर दिए थे। हम देश के सबसे लोकप्रिय खेल के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं।’
शनिवार (21 मई) को ठाकुर के पूर्ववर्ती और आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर ने कहा था कि भारतीय बोर्ड ने लोढ़ा पैनल की 75 प्रतिशत सिफारिशें पहले ही स्वीकार कर ली है लेकिन कुछ सिफारिशों को लेकर आपत्तियां हैं जो कि उनके हिसाब से खेल के लिए अच्छी नहीं हैं। ठाकुर ने भी उनकी हां में हां मिलायी और कहा कि बीसीसीआई को हमेशा एक पेशेवर संस्था के लिए रूप में चलाया गया हालांकि कोई भी संस्था यह दावा नहीं कर सकती कि उसे सबसे बेहतर तरीके से संचालित किया जा रहा है।
ठाकुर ने कहा, ‘मैं अपने विचार रखने के लिए उनका आभारी हूं। वह मंझे हुए प्रशासक हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि कैसे सिफारिशों को शत प्रतिशत लागू करना मुश्किल है। दुनिया जानती है कि बोर्ड को कितने प्रभावशाली तरीके से चलाया जा रहा है। हमने अपने तरीकों को सुधारने की कोशिश की है। सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है।’ सुधारों के अलावा बीसीसीआई सूखे से जूझ रहे महाराष्ट्र से आईपीएल के मैचों को दूसरे स्थान पर आयोजित करने को लेकर भी बैकफुट पर चला गया था। ठाकुर ने कई उपायों की घोषणा भी की जिसमें स्टेडियमों में बारिश के पानी को एकत्रित करने के लिए 100 करोड़ रुपए का आवंटन भी शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘वातावरण की परिस्थितियों को देखते हुए बीसीसीआई ने ‘हरित पहल’ की योजना बनाई है। हमारी नए स्टेडियमों में बारिश के पानी के संग्रहण और सीवेज के पानी के उपयोग के लिए सोलर पैनल की योजना है। हमने एक साल की समयसीमा तय की है और इसके लिए 100 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।’ गैरसरकारी संगठनों ने आईपीएल मैचों के दौरान स्टेडियमों में पानी की खपत का हवाला देकर अदालतों में जनहित याचिकाएं दायर कर दी थी जिससे बीसीसीआई को आईपीएल के 12 मैचों को महाराष्ट्र के बजाय दूसरे स्थानों पर आयोजित करना पड़ा। इसके बाद ही बोर्ड ने इस नई योजना पर विचार विमर्श किया।
ठाकुर ने इसके साथ ही नेत्रहीन तथा मूक बधिर क्रिकेटरों की मदद के लिए अगले साल पांच करोड़ रुपए की राशि का कोष तैयार करने की घोषणा की। ऐसा लोढ़ा पैनल की एक सिफारिश के अनुरूप किया जा रहा है जिसमें शारीरिक तौर पर अक्षम क्रिकेटरों को अपनी व्यवस्था में लाना बीसीसीआई का कर्तव्य माना गया है। उन्होंने कहा, ‘स्टेडियमों में कम से दस प्रतिशत सीटें दिव्यांगों, स्कूली छात्रों और लड़कियों के लिए आवंटित की जाएंगी। हमने राज्य संघों से अपनी सीटों पर सही तरह से नंबर डालने के लिए कहा है तो कि यह दर्शकों के लिये अधिक अनुकूल हों। दिव्यांगों के लिए भी सीटों की व्यवस्था होगी।’
राहुल जोहरी को मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त करने के बाद ठाकुर ने रविवार (22 मई) को टाटा सन्स के पूर्व उपाध्यक्ष संतोष रंगनेकर को मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) नियुक्त करने की घोषणा की। बोर्ड के नए अध्यक्ष ने इसके साथ ही कहा कि राज्य संघों को सोशल नेटवर्किंग साइट्स जैसे फेसबुक, ट्विटर पर अधिक सक्रिय होने और वेबसाइट तैयार करने के लिए कहा गया है जिसमें नवीनतम जानकारी हो। ठाकुर ने महिला क्रिकेटरों के लिए केंद्रीय अनुबंध प्रणाली भी सही दिशा में उठाया गया एक कदम बताया। उन्होंने इसके साथ ही कोचिंग एप पर भी बात की।
ठाकुर ने इन सुझावों को नकार दिया कि भविष्य में आइपीएल बीसीसीआइ से स्वतंत्र हो सकता है। उन्होंने कहा कि आइपीएल बीसीसीआई का एक घरेलू टूर्नामेंट है। सीईओ और सीएफओ की नई नियुक्तियों से प्रशासनिक ढांचा मजबूत हुआ है। यदि आप ट्विटर रिपोर्ट पर गौर करो तो सबसे तेजी से बढ़ने वाली लीग आइपीएल है। क्रिकेट मैच के बीच में टीवी पर विज्ञापनों पर पाबंदी लगाने से पड़ने वाले असर के बारे में पूछे जाने पर ठाकुर ने कहा कि बोर्ड की सबसे बड़ी कमाई इसी से होती है। उन्होंने कहा कि हम सरकार से एक भी पैसा नहीं लेते। आप एकमुश्त भुगतान (पूर्व क्रिकेटरों) और मासिक पेंशन योजना को देख लो। इसके लिए पैसा कहां से आएगा। यदि आप इसको रोक दोगे तो किसे नुकसान होगा। पूरे क्रिकेट को इससे नुकसान होगा।