लगभग पांच साल तक राष्ट्रीय टीम से बाहर रहने के कारण निराश भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने कहा कि उनके लिए बेहद जरूरी है कि वह विश्व ट्वेंटी 20 चैंपियनशिप में अपना चयन सुनिश्चित करने के लिए आस्ट्रेलिया में टी 20 सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करें। इस 37 वर्षीय गेंदबाज ने भारत के लिए अपना आखिरी मैच विश्व कप 2011 के सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ खेला था। उंगली के चोट के कारण फाइनल में नहीं खेल पाने वाले नेहरा को इसके बाद लगभग पांच साल तक टीम में नहीं चुना गया लेकिन अब उनकी आस्ट्रेलिया के खिलाफ 26 जनवरी से एडिलेड में होने वाली तीन टी20 मैचों की सीरीज के लिए टीम में वापसी हुई है। उन्होंने आइपीएल सत्र में प्रभावशाली प्रदर्शन करके भारतीय टीम में जगह बनाई है। आइपीएल में उन्होंने 16 मैचों में 22 विकेट लिए थे।
अब तक 120 वनडे में 157 विकेट और आठ टी20 अंतरराष्ट्रीय में 13 विकेट लेने वाले नेहरा ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो से कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो उन्होंने जब मुझे पिछले दो तीन साल में नहीं चुना तो मुझे हैरानी हुई। कभी नहीं से देर भली। उम्मीद है कि मैं अच्छा प्रदर्शन करूंगा। मैं कड़ी मेहनत कर रहा हूं।’ उन्होंने कहा, ‘यदि मैं आस्ट्रेलिया में और फिर विश्व टी20 में खेलता हूं और अच्छा प्रदर्शन करता हूं तो लोग कहेंगे अरे इसे पहले टीम में होना चाहिए था। यदि मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं करता तो लोग कहेंगे यह सही था कि उन्होंने उसे नहीं चुना। भारत में ऐसा ही चलता है। जो बीत गया वह बीत गया। अब मैं आगे के बारे में सोच रहा हूं और उम्मीद है कि सब कुछ मेरे अनुकूल होगा।’
नेहरा ने कहा कि वह राष्ट्रीय टीम में अपनी वापसी पर भारत के तेज गेंदबाजों के लिए मेंटर की भूमिका भी निभाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘यह छोटा दौरा है लेकिन मैं युवाओं की जितनी भी मदद कर सकूं, करूंगा। यदि मैं विश्व टी 20 तक खेलता हूं तो मैं निश्चित तौर पर इस भूमिका पर गौर करूंगा। मैंने सीएसके में यही काम किया और मैंने वास्तव में इसका लुत्फ उठाया। अधिकतर गेंदबाजों का मजबूत पक्ष अलग होता है लेकिन आप अनुभव खरीद नहीं सकते हो।’
नेहरा ने कहा, ‘मैंने 17 साल पहले पदार्पण किया था। उपमहाद्वीप में मेरे जैसे खिलाड़ी जिसे इतनी चोटों से जूझना पड़ा और 10-12 आपरेशन करवाने पड़े, वह तब भी टिका हुआ है और सबसे तेज प्रारूप में खेल रहा है। इससे मैंने कुछ सीखा जो मैं युवाओं को सिखा सकता हूं।’ नेहरा इस बात से सहमत नहीं हैं कि केवल युवा खिलाड़ी ही टी 20 में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं और उन्होंने कहा कि उम्र नहीं बल्कि फिटनेस इस प्रारूप में मायने रखती है।
उन्होंने कहा, ‘लोग कहते हैं कि टी 20 युवाओं का खेल है, मैं इन सब बातों पर विश्वास नहीं करता। मेरे लिए उम्र केवल संख्या है। यदि आप खुद को फिट रखते हो तो आप खेलना जारी रख सकते हो।’ नेहरा ने कहा, ‘आपको अपने खेल के चरम पर होना पड़ेगा विशेषकर गेंदबाज के लिए और जिस तरह का काम मैं करता हूं कि पहले छह ओवर में दो या तीन और आखिरी चार में से एक या दो ओवर करना। उपमहाद्वीप या विदेशों में आजकल सपाट पिचें मिलेंगी और आपको विशेषकर गेंदबाज को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘इस प्रारूप में तेजी है लेकिन मैं आइपीएल में खेल रहा हूं और यह मनोबल बढ़ाने वाला है। वहां भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की तरह चुनौती कड़ी होती है।’