इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2022 में 10 टीमें हिस्सा लेंगी। टूर्नामेंट के इतिहास में तीसरी बार 10 टीमें मैदान पर उतरी हैं। इससे पहले 2011 और 2012 में भी 10-10 टीमें खेल चुकी हैं। उन वर्षों के फॉर्मेट के आधार पर कहा जा सकता है कि आईपीएल में 10 साल बाद टीमों को दो ग्रुप में बांटा जाएगा।
आईपीएल 2021 में 8 टीमें थीं। टूर्नामेंट राउंड रॉबिन लीग फॉर्मेट पर हुआ था और हर टीम ने नॉकआउट से पहले 14-14 मैच खेले थे। ऐसे में फैंस के मन में यह प्रश्न उठना लाजिमी है कि क्या हर टीम के मुकाबलों की संख्या भी बढ़ जाएगी। आइए यहां समझते हैं आईपीएल मुकाबलों का पूरा गणित।
आईपीएल 2011 और 2012 में 10 टीमों को दो ग्रुपों में बांटा गया था। ग्रुप-ए में पांच और और ग्रुप-बी में पांच टीमें थीं। हर टीम को अपने ग्रुप की टीमों के खिलाफ 2-2 मैच (एक होम और दूसरा अवे मैदान पर) खेले थे। इस तरह उसने ग्रुप स्टेज तक 8 मैच खेले।
इसके बाद दूसरे ग्रुप की एक टीम से दो बार भिड़ी। दूसरे ग्रुप की अन्य चार टीमों के खिलाफ भी एक-एक मैच खेले। इस तरह हर टीम ने ग्रुप स्टेज आईपीएल 2011 और आईपीएल 2012 तक 14-14 मैच खेले। इस बार भी ऐसा ही फॉर्मेट रहने की उम्मीद है।
दरअसल, राउंड रॉबिन लीग के आधार पर मैच कराने पर हर टीम के मुकाबलों की संख्या 14 की जगह 18 हो जाती है। इस टूर्नामेंट की अवधि बढ़ जाएगी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल का शेड्यूल टाइट होने के कारण टूर्नामेंट की अवधि भी ज्यादा बढ़ाई नहीं जा सकती है।
वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई इंडियंस के अधिक मैच को लेकर अन्य फ्रैंचाइजीस नाराज
आईपीएल 2022 के मुकाबलों की बात करें तो मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि मुंबई के तीन स्टेडियम में ब्रेबोर्न, डीवाई पाटिल और वानखेड़े स्टेडियम में 55 और पुणे में 15 मैचों का आयोजन होगा। ऐसे में मुंबई इंडियंस वानखेड़े स्टेडियम में सबसे ज्यादा मैच खेल सकती है। खबर है कि इस बात को लेकर अन्य फ्रैंचाइजीस गुस्से में हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अन्य फ्रैंचाइजीस को यह फैसला सही नहीं लग रहा है। एक फ्रैंचाइजी के हवाले से टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा, ‘अगर मुंबई इंडियंस वानखेड़े में ज्यादा मैच खेलती है तो यह सही नहीं होगा। सभी टीमों ने इसको लेकर चिंता जताई है। वह उनका घरेलू मैदान है। इससे उन्हें ज्यादा फायदा मिलेगा। उम्मीद है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) इस मामले को देखेगा।’