दुनिया में कोरोनावारयस से संक्रमित होने वालों की संख्या 20 लाख को पार कर गई है। भारत में यह आंकड़ा 12 हजार को छूने वाला है। अमेरिका और स्पेन की हालत सबसे ज्यादा खराब है। अमेरिका में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 28 हजार से ज्यादा हो गई है। वहीं, स्पेन में भी अब तक 18 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। स्पेन में एक लाख 80 हजार से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।
स्पेन में पीड़ितों का इलाज करने वालों का भी खासी दिक्कतों का सामना कर पड़ रहा है। भारत के बेंगलुरु एफसी और ईस्ट बंगाल फुटबॉल क्लब के लिए खेल चुके स्पेन के एंटोनियो रोड्रिगेज डोवाले (Antonio Rodriguez Dovale) की मां को भी कुछ ऐसी ही परेशानियाों का सामना करना पड़ रहा था। हालांकि, यह देख वे हताश नहीं हुए, बल्कि मां के साथ खुद भी लोगों की सेवा में जुट गए। हमारे सहयोगी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस से हुई विशेष बातचीत में उन्होंने स्पेन के भयावह हालात और वास्तविकता को लेकर जानकारी दी।
उन्होंने कहा, ‘भारतीयों की तुलना में स्पेन में हम हमेशा बाहर रहते हैं। काम के बाद दोस्तों के साथ बाहर घूमना, बीयर पीना, तपस (स्पैनिश भोजन का छोटा सा हिस्सा) के लिए बाहर जाना और देर से भोजन करना। हमारी सड़कें कभी खाली नहीं होतीं। रेस्तरां कभी बंद नहीं होते। लोग कभी अपने घर पर नहीं मिलते। यह हमारी संस्कृति है। यह हमारे समाज को परिभाषित करता है। लेकिन अभी, यह सब बंद हो गया है; सब चले गए हैं। यह लंबे समय तक वापस भी नहीं लौटने वाला है। आपको डर और बेचैनी महसूस होगी, क्योंकि हम स्पैनिश इस तरह की स्थिति में रहने के लिए नहीं बने हैं।’
रोड्रिगेज के मुताबिक, ‘कोरोनवायरस महामारी के प्रकोप से स्पेन में हर दिन सैकड़ों लोग मर रहे हैं। हम सभी को अपनी स्वास्थ्य प्रणाली पर बहुत गर्व था। हमें लगता था कि यह दुनिया में सबसे बेहतर है। हमने कभी उम्मीद नहीं की थी कि यह इस तरह से ढह जाएगा। हमने कभी ऐसी उम्मीद नहीं की थी कि एक फेस मास्क तक उपलब्ध नहीं होगा। लोग अकेले मरने को मजबूर हैं। यह बात और ज्यादा दिल दहला देने वाली है कि जब आप मर रहे हैं तो आपके पास आपके प्रियजन नहीं हैं। यह बहुत दुखद और डरावनी स्थिति है।’
स्टार फुटबॉलर ने कहा, ‘छह हफ्ते पहले, मैंने अपने बैग पैक कर दक्षिण पूर्व एशिया के लिए रवाना होने को तैयार था। वहां मैं एक क्लब के साथ कॉन्ट्रैक्ट करने वाला था। बार्सिलोना स्थित ला मासिया एकेडमी से ग्रेजुएशन करने के बाद से मैं सेल्टा विगो के लिए लगभग पांच सीजन खेल चुका हूं। मैं भारत में बेंगलुरु एफसी और ईस्ट बंगाल के लिए भी खेल चुका हूं। वास्तव में मैंने एशिया में खेलना का काफी आनंद उठाया है, इसलिए मैं नए सीजन का इंतजार कर रहा था। दक्षिण पूर्वी रीजन में मार्च में फुटबॉल सीजन शुरू हो जाता है।’
रोड्रिगेज ने कहा, ‘हालांकि, अचानक स्थिति गंभीर हो गई। थाईलैंड और मलेशिया ने यूरोप से आने वाले आगंतुकों पर सख्त प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिया। कुछ दिन बाद स्पेन भी लॉकडाउन हो गया। यह मेरे लिए ही नहीं, बल्कि हर किसी के लिए अजीब स्थिति थी। हम सभी को बस घर पर रहना था। केवल फार्मेसी और सुपरमार्केट खुले थे। मैंने 2017 में बेंगलुरु एफसी से जुड़ने से पहले ही अपना फॉर्मासिस्ट का कोर्स पूरा किया था।’
रोड्रिगेज ने बताया, ‘मेरा परिवार स्पेन के उत्तर-पश्चिम स्थित तटीय शहर ए कोरुना में रहता है। घर से 10 मिनट की दूरी पर ही हमारी फॉर्मेसी की दुकान है। मेरी मां फार्मेसी चलाती हैं। वे 65 साल की हैं। इस उम्र में वे इतना हाई रिस्क ले रही हैं। मेरी मम्मी बिना मास्क पहने फार्मेसी में काम कर रही थीं। वे बिना दस्ताने पहने लोगों की मदद कर रही थीं…।’
फुटबॉलर ने कहा, ‘यह देखकर मैं घर पर कैसे रह सकता था? इसलिए मैंने उन्हें फॉर्मेसी में ज्वाइन किया। पिछले 6 सप्ताह से मैं उन लोगों से मिल रहा हूं जो डरे हुए हैं और भ्रमित हैं। वे नहीं जानते कि उनके लिए क्या सही है और क्या इस्तेमाल करना सुरक्षित होगा। उदाहरण के लिए, अब तक सरकार कह रही थी कि मास्क की जरूरत नहीं है। ऐसा इसलिए था क्योंकि हमारे पास पर्याप्त संख्या में मास्क नहीं थे। हमारे पास जो भी मास्क थे, उन्हें मेडिकल स्टाफ के लिए दे दिया गया था।’