पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के टूर्नामेंट से हटने के फैसले के मद्देनजर सेंट्रल एशियन वॉलीबॉल टूर्नामेंट को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में स्थानांतरित कर दिया गया है। पाकिस्तान वॉलीबॉल फेडरेशन (PVF) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। सेंट्रल एशिया वॉलीबॉल एसोसिएशन (CAVA) ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसे क्षेत्रीय खेल और भू-राजनीतिक तनाव के बीच एक संतुलित कदम माना जा रहा है।

पाकिस्तान वॉलीबॉल फेडरेशन के अधिकारी ने बताया कि टूर्नामेंट को उज्बेकिस्तान में स्थानांतरित करने का फैसला सीएवीए की जनरल बॉडी ने लिया है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान वॉलीबॉल के लिए यह एक बड़ी निराशा है, भले ही भारत ने टूर्नामेंट से नाम वापस ले लिया था। लेकिन हम सीएवीए के इस फैसले को पूरी तरह समझते हैं।” टूर्नामेंट की निर्धारित तारीखें 29 मई से 4 जून, अपरिवर्तित रहेंगी और इसमें पाकिस्तान, ईरान, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान की टीमें हिस्सा लेंगी।

पहलगाम हमले ने बढ़ाया तनाव

यह बदलाव 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आया, जिसमें 26 नागरिकों, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, की जान चली गई। इस घटना ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया। 27 अप्रैल को पीवीएफ के अधिकारी अब्दुल अहद ने बताया था कि भारतीय वॉलीबॉल अधिकारियों ने सीएवीए को सूचित किया है कि भारत सरकार ने पहलगाम हमले के बाद टूर्नामेंट के लिए जारी किया गया नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) रद्द कर दिया है।

भारत की वापसी और अन्य देशों की हिचकिचाहट

भारत ने शुरू में इस टूर्नामेंट के लिए अपनी भागीदारी की पुष्टि की थी और 30 सदस्यीय दल की सूची भी सौंपी थी। लेकिन पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए भारत ने टूर्नामेंट से हटने का फैसला किया। इसके अलावा, अन्य देशों ने भी पाकिस्तान में आयोजन को लेकर असहजता जताई थी, जिसके चलते सीएवीए ने टूर्नामेंट को ताशकंद में आयोजित करने का निर्णय लिया।

उज्बेकिस्तान में भारत की भागीदारी

टूर्नामेंट के उज्बेकिस्तान में स्थानांतरित होने के बाद भारत ने अपनी भागीदारी की पुष्टि कर दी है। भारतीय वॉलीबॉल की अस्थायी समिति ने घोषणा की कि 6-7 मई को बेंगलुरु के एसएआई एनएसएससी में चयन ट्रायल होंगे, जिसके बाद टीम ताशकंद रवाना होने से पहले प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लेगी। यह कदम भारत के लिए क्षेत्रीय खेलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

पाकिस्तान के हाथ लगी फिर निराशा

पाकिस्तान के लिए यह टूर्नामेंट मेजबानी का एक सुनहरा अवसर था, जो घरेलू वॉलीबॉल को बढ़ावा दे सकता था। पीवीएफ के अधिकारी ने निराशा जताते हुए कहा कि भारत की वापसी और टूर्नामेंट का स्थानांतरण खेल कूटनीति के लिए एक झटका है। फिर भी पाकिस्तान की टीम टूर्नामेंट में हिस्सा लेगी और क्षेत्रीय दिग्गजों के साथ मुकाबला करेगी।

भारत पाकिस्तान के रिश्तों में तल्खी

यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि दक्षिण एशिया में खेल और भू-राजनीति का गहरा संबंध है। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने पहले भी कई खेल आयोजनों को प्रभावित किया है और यह टूर्नामेंट इसका ताजा उदाहरण है। सीएवीए का ताशकंद में आयोजन का फैसला सभी देशों को एक मंच पर लाने की कोशिश है, ताकि खेल का उत्साह बरकरार रहे।