आगामी 6 जुलाई 2023 को रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव होने हैं। डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, लेकिन उनके बेटे, दामाद और बेटे के साले चुनाव में उतरने के पात्र हैं। हालांकि, मीडिया में खबरें आईं थीं कि केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों को भरोसा दिलाया है कि बृजभूषण सिंह के परिजन या करीबियों को चुनाव नहीं लड़ने दिया जाएगा। अनुराग ठाकुर के इस बयान को लेकर उत्तर प्रदेश विधानपरिषद के सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह (Devendra Pratap Singh) ने आपत्ति जाहिर की है।

द प्रिंट की खबर के मुताबिक, भाजपा विधायक देवेंद्र प्रताप सिंह ने इस संबंध में अनुराग ठाकुर को एक पत्र में लिखा है। पत्र में उन्होंने इस क्षत्रिय (राजपूत) समाज का अपमान करार दिया है। देवेंद्र प्रताप सिंह ने लिखा है कि भाजपा सांसद बृजभूषण के रिश्तेदारों और समर्थकों को डब्ल्यूएफआई चुनाव लड़ने से रोकना एक ‘आत्मघाती कदम’ होगा। इससे ‘उत्तर प्रदेश की राजनीति में समाज का एक बड़ा वर्ग अपमानित महसूस करेगा।’

गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक परिषद सीट पर इस साल फरवरी में चौथी बार जीत हासिल करने वाले एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने 14 जून 2023 को एक प्रमुख हिंदी समाचार पत्र के लखनऊ संस्करण में छपी रिपोर्ट का उल्लेख किया है। खबर में कहा गया था कि 7 जून को खेल मंत्री और विरोध करने वाले पहलवानों बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक के बीच हुई बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि बृजभूषण और उनके समर्थक डब्ल्यूएफआई के पदाधिकारियों के पद के लिए आगामी चुनाव नहीं लड़ेंगे।

पत्र में कहा गया है, ‘…शीर्षक के तहत रिपोर्ट कि बृजभूषण शरण सिंह का कोई भी परिवार या समर्थक 6 जुलाई को डब्ल्यूएफआई के लिए चुनाव नहीं लड़ सकता है, क्षत्रिय (राजपूत) समाज के लिए चौंकाने वाला और अपमानजनक है। इस खबर में कहा गया है कि पहलवानों और खेल मंत्री के बीच हुई बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि सांसद (बृजभूषण) के रिश्तेदार और समर्थक चुनाव नहीं लड़ेंगे।’

बृजभूषण शरण सिंह के करीबियों को रोकना लोकतंत्र के मूल सिद्धांत के खिलाफ: देवेंद्र प्रताप सिंह

पत्र में आगे लिखा गया है, ‘अगर इस तरह का समझौता किया गया है तो यह लोकतंत्र के मूल सिद्धांत के खिलाफ है। पहलवानों का विरोध ‘राजनीतिक’ था। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधियों की रणनीति का हिस्सा और डब्ल्यूएफआई (Wrestlers Federation Of India) पर नियंत्रण हासिल करने का प्रयास था। उनकी (पहलवानों) ‘नाजायज मांगों’ के आगे झुकना ‘एक ऐतिहासिक राजनीतिक गलती’ होगी।’

भाजपा सांसद के परिजन और समर्थकों को चुनाव लड़ने से रोकना आत्मघाती कदम: देवेंद्र प्रताप सिंह

पत्र में आगे लिखा गया, ‘इसलिए, यह अनुरोध किया जाता है कि डब्ल्यूएफआई के चुनाव निष्पक्ष, पारदर्शी होने चाहिए और सभी के लिए अवसर खुले होने चाहिए। भाजपा सांसद के परिवार और समर्थकों को चुनाव लड़ने से रोकना आत्मघाती कदम होगा। खेल मंत्री के रूप में, आपको इस तरह का समझौता करने से बचना चाहिए। यह मेरा अनुरोध है।’