मुक्केबाजों ने दांव पर लगे सभी सातों स्वर्ण पदक जीते जबकि निशानेबाजों ने अपने अभियान का शानदार अंत किया जिससे भारत ने 12वें दक्षिण एशियाई खेलों में सोमवार को भी अपना दबदबा बनाए रखा। इन खेलों का मंगलवार को समापन होगा और उससे एक दिन पहले भारत के नाम पर 292 पदक (176 स्वर्ण, 86 रजत और 30 कांस्य) दर्ज हो गए हैं। श्रीलंका 177 पदक (25 स्वर्ण, 59 रजत और 93 कांस्य) के साथ दूसरे जबकि पाकिस्तान 93 पदक (11 स्वर्ण, 38 रजत और 48 कांस्य) के साथ तीसरे स्थान पर रहा। मुक्केबाजों और निशानेबाजों के अच्छे प्रदर्शन के अलावा भारतीय महिला फुटबाल टीम ने भी फाइनल में नेपाल को 4-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता।

शिलांग में मुक्केबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन करके पुरुष वर्ग में दांव पर लगे सभी सात स्वर्ण पदक जीते। एल देवेंद्रो (49 किग्रा), विकास कृष्ण (75 किग्रा), शिव थापा (56 किग्रा), मदन लाल (52 किग्रा), धीरज रांगी (60 किग्रा), मनोज कुमार (64 किग्रा) और मनदीप जांगड़ा (69 किग्रा) स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे। लंदन ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने वाले देवेंद्रो ने 2-1 से जीत दर्ज की। देवेंद्रो ने जहां चोट से उबरते हुए स्वर्ण पदक जीता वहीं दुनिया के छठे नंबर के मिडिलवेट मुक्केबाज विकास ने फ्लू से उबरने के बाद पाकिस्तान के तनवीर अहमद को 3-0 से हराया।

गुवाहाटी के शिव थापा ने दर्शकों के बीच पिता पदम और भाई गोविंद की मौजूदगी में सभी को प्रभावित किया और श्रीलंका के डब्लू रुवान थिलिना को आसानी से हराया। दूसरी तरफ 35 साल के पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन मदनलाल ने एक अन्य पाकिस्तानी प्रतिद्वंद्वी मोहम्मद सैयद आसिफ को सर्वसम्मत फैसले में 3-0 से शिकस्त दी। हरियाणा के 20 साल के धीरज रांगी ने 60 किग्रा वर्ग के स्वर्ण पदक के मुकाबले में पाकिस्तान के अहमद अली को हराया जबकि 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता अनुभवी मुक्केबाज मनोज कुमार ने श्रीलंका के दिनिदु सपारामादु को 3-0 से शिकस्त दी। राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता मनदीप जांगड़ा ने मुश्किल में पड़ने के बावजूद अफगानिस्तान रहेमी अल्ला दाद को 3-0 से हराया।
निशानेबाजी रेंज में आखिरी दिन भी भारत ने क्लीन स्वीप किया। भारत इस प्रतियोगिता में कुल 26 में से 25 स्वर्ण पदक अपने नाम करने में सफल रहा। रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके निशानेबाज गुरप्रीत सिंह ने पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में 28 सही निशाने साधकर स्वर्ण पदक जीता। श्वेता सिंह ने महिलाओं की दस मीटर एअर पिस्टल के व्यक्तिगत वर्ग में 194.4 के स्कोर के साथ सोने का तमगा जीता। श्वेता की मुख्य बंदूक में कुछ गड़बड़ी हो गयी थी और उन्हें दूसरी बंदूक से स्पर्धा में भाग लेना पड़ा था।

ओलंपिक कोटा हासिल करने वाली हीना सिद्धू को महिलाओं की दस मीटर एयर पिस्टल में रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा। उन्होंने 192.5 का स्कोर बनाया। चंडीगढ़ की 18 वर्षीय निशानेबाज यशस्विनी सिंह देसवाल ने कांस्य पदक जीता। भारत ने दोनों वर्गों की टीम स्पर्धाओं में भी स्वर्ण पदक जीते और इस तरह से निशानेबाजी प्रतियोगिता के आखिरी दिन क्लीन स्वीप किया। भारत ने असल में पूरी प्रतियोगिता में केवल एक स्वर्ण पदक गंवाया जो बांग्लादेश ने हासिल किया। भारत ने निशानेबाजी में कुल 25 स्वर्ण, दस रजत और दस कांस्य पदक जीते। बांग्लादेश एक स्वर्ण, तीन रजत और तीन कांस्य पदक के साथ दूसरे स्थान पर रहा।

गुरप्रीत ने दस मीटर एअर पिस्टल में छठे स्थान पर रहने की निराशा को 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में समाप्त किया। पाकिस्तान के बशीर गुलाम मुस्तफा ने 24 निशाने लगाकर रजत पदक जीता जबकि लंदन ओलंपिक में इसी स्पर्धा में रजत पदक जीतने वाले विजय कुमार को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। महिलाओं की दस मीटर एअर राइफल में तीनों भारतीयों में कड़ा मुकाबला देखने को मिला और कोई भी खिलाड़ी लगातार बढ़त पर नहीं रही। हीना हालांकि फाइनल में बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाईं और उनके केवल पांच शाट ही 10 से ज्यादा के स्कोर के रहे।
भारतीय महिला फुटबाल टीम ने फाइनल में नेपाल को 4-0 से करारी शिकस्त देकर स्टार खिलाड़ी बेमबेम देवी को शानदार विदाई दी। भारत की जीत की नायिका युवा खिलाड़ी कमला देवी युमनाम रहीं जिन्होंने दो गोल (32वें और 56वें मिनट) किए। भारत की तरफ से बाकी दो गोल मणिपुर की बाला देवी (71वें मिनट) और आशालता देवी (80वें मिनट) ने किए। कप्तान बेमबेम और नांगगोम बाला देवी ने मध्यपंक्ति में अच्छा खेल दिखाकर भारत को सैग खेलों में लगातार दूसरा खिताब दिलाया।