अपने जमाने के दिग्गज स्पिनर बिशन सिंह बेदी ने फिरोजशाह कोटला स्टेडियम के स्टैंड से अपना नाम तत्काल प्रभाव से नहीं हटाए जाने की स्थिति में दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की ‘धमकी’ दी है। बेदी ने बुधवार को डीडीसीए को पत्र लिखकर इसके पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय अरुण जेटली की प्रतिमा कोटला में लगवाने के लिये क्रिकेट संघ की कड़ी आलोचना की थी।

बेदी ने पहले पत्र का कोई जवाब नहीं मिलने पर शनिवार को डीडीसीए को एक और पत्र लिखा। बेदी ने सख्त भाषा में लिखे पत्र में डीडीसीए अध्यक्ष और स्व. अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं। बेदी ने रोहन जेटली को भेजे इस पत्र में लिखा है, ‘मैंने आपको कुछ दिन पहले एक पत्र लिखा था। मेरे पत्र के सार्वजनिक होने के कुछ मिनटों बाद ही मुझे विश्व भर के क्रिकेट समुदाय से मुझे अपार समर्थन मिला लेकिन मुझे दुख है कि आपकी तरफ से मुझे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।’

डीडीसीए की अपनी सदस्यता त्यागने वाले बेदी ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि हमारे देश में अब भी लोगों को यह फैसला करने का अधिकार है वे किन लोगों के साथ जुड़ना चाहते हैं और कहां उनके नाम की पट्टिका पूरी गरिमा के साथ लगाए जा सकती है। कृपया मुझे कानूनी कार्रवाई करने के लिए मजबूर न करें।’

बता दें, भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) अध्यक्ष सौरव गांगुली सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीसीसीआई के पूर्व प्रमुख अनुराग ठाकुर की उपस्थिति में कोटला में अरुण जेटली की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। यह प्रतिमा 6 फुट ऊंची है। इसके निर्माण में करीब 15 लाख रुपये की लागत आई है। इसका वजन करीब 800 किलो है। प्रतिमा की छतरी पर डेढ़ लाख रुपये खर्च हुए हैं। जेटली 1999 से 2013 तक 14 साल तक डीडीसीए के अध्यक्ष रहे थे। डीडीसीए ने नवंबर 2017 में अपने एक स्टैंड का नाम बेदी और एक अन्य पूर्व क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ के नाम पर रखा था।

बिशन सिंह बेदी लिखा, ‘खेल स्थलों से राजनेताओं को दूर करने को लेकर सार्वजनिक बहस शुरू करने वाले मेरे पत्र पर आपकी ऐसी चुप्पी जिसका कोई कारण स्पष्ट नहीं है, उससे आपकी नादानी का पता चलता है। आपकी बेवजह की चुप्पी भी इस अपराध बोध को रेखांकित करती है कि आप इस पद पर केवल अपने परिवार के नाम के कारण हैं जिसे आप स्पष्ट तौर पर बढ़ावा देना चाहते हैं।’

बेदी ने लिखा है, ‘आखिर में मुझे उम्मीद है कि आप एक पूर्व क्रिकेटर को जवाब देने का बुनियादी शिष्टाचार निभाएंगे जो आपसे समर्थन नहीं चाह रहा है बल्कि चाहता है कि उसकी क्रिकेट अखंडता पर कोई आंच नहीं आये।’ बेदी ने कहा कि वह उस क्रिकेट स्टेडियम का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं, जिसमें पूर्व राजनीतिज्ञ जेटली की प्रतिमा लगी हो। जेटली भाजपा की अगुआई वाली एनडीए सरकार में मंत्री थे। पिछले साल उनका निधन हो गया था।