भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले बिहार के अंडर-16 से लेकर सीनियर तक सैकड़ों खिलाड़ी आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने उन्हें अब तक पिछले सीजन की मैच फीस और टीए/डीए का भुगतान नहीं किया है। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन पर खिलाड़ियों के हिस्से के करीब 11 करोड़ रुपए हड़पने का आरोप है।
ये आरोप आईपीएल याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा ने देश के गृह मंत्री अमित शाह के बेटे और बीसीसीआई के सचिव जय शाह को लिखे पत्र में लगाए हैं। उन्होंने इस संबंध में जय शाह से दखल देने की मांग की है।
वहीं, बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के महासचिव संजय कुमार ने भी आदित्य वर्मा के आरोपों को सही ठहराया है। संजय कुमार ने कहा, ‘हम अपने सीनियर, अंडर 23, अंडर 19 और अंडर 16 क्रिकेटरों और महिला क्रिकेटरों को पिछले सीजन का भुगतान अब तक नहीं कर पाए हैं। प्रशासकों की समिति से हमें पिछले साल दस करोड़ 80 लाख रुपये मिले थे, लेकिन अधिकांश पैसा पदाधिकारियों के वेतन चुकाने में ही खर्च हो गया।’
बीसीसीआई के नियमानुसार, सीनियर टीम के एक खिलाड़ी को 750 रुपये, जबकि अंडर-23 और अंडर 19 टीम के खिलाड़ी को 500 रुपये रोजाना के हिसाब से टीए/डीए मिलता है। वहीं, अंडर-16 खिलाड़ियों के मामले में यह राशि 350 रुपये प्रतिदिन होती है।
संजय कुमार ने कहा, ‘अगर कोई सीनियर खिलाड़ी सभी फॉर्मेट में खेलता है तो उसके एक सत्र (सीजन) का टीए/डीए 75000 रुपये होता है। हम समझ सकते हैं कि खिलाड़ी दबाव में हैं। उन्हें मैच फीस भी नहीं मिली है। इसे लेकर वे आवाज भी नहीं उठा सकते।’
वहीं आदित्य वर्मा ने बिहार क्रिकेट में कुप्रबंधन के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘मैं बोर्ड सचिव से अनुरोध करूंगा कि बिहार के क्रिकेटरों के हालात पर गौर करें, जिन्हें कोई पैसा नहीं मिला है, जबकि बीसीसीआई ने 11 करोड़ रुपये उनके लिए (खिलाड़ियों के लिए) ही दिए थे।’