मोहम्मद शमी की गिनती भारतीय क्रिकेट के उन खिलाड़ियों में होती है जो मैदान पर भले अपनी गेंदों से आग बरसाते हों, लेकिन ड्रेसिंग रूम और निजी जिंदगी में बहुत ही शांत और सीधे स्वभाव के हैं। वह इतने सीधे हैं कि बंगाल क्रिकेट बोर्ड ने उनका नाम तक बिगाड़ दिया, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिरोध नहीं किया। क्रिकबज पर गौरव कपूर के साथ बातचीत में जॉय भट्टाचार्य ने यह खुलासा किया।

जॉय भट्टाचार्य बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के सह मालिकाना हक वाली इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स के टीम डायरेक्टर भी रह चुके हैं। मोहम्मद शमी आईपीएल 2011 से 2013 तक आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स का हिस्सा रहे थे।

उन्होंने बताया, ‘मेरे पास भारतीय क्रिकेट की एक सर्विस का उदाहरण है। बंगाल क्रिकेट बोर्ड (CAB) में मोहम्मद शमी को शमी अहमद कहा जाता था। वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि कुछ क्लर्क बहुत ही आलसी थे और उन्होंने एक बार गलत लिखने के बावजूद उसका नाम सही नहीं किया।’

उन्होंने बताया, ‘इसलिए मैंने इस मुद्दे को उठाया। मैं बंगाल क्रिकेट बोर्ड के पास गया और पूछा- आप लोग क्या कर रहे हैं? मेरा कहने का मतलब था कि उसका नाम शमी अहमद नहीं है। उसका यह नाम नहीं है। उसका नाम मोहम्मद शमी है। तब जाकर उन्होंने शमी अहमद का नाम मोहम्मद शमी किया। तो वह इस तरह का इंसान है। नाम गलत होने के बावजूद उसने उन लोगों को उसे सही करने के लिए नहीं बोला। यह बात यह भी साबित करती है कि भारतीय क्रिकेट कैसे काम करता है।’

जॉय भट्टाचार्य ने बताया, ‘खास यह है कि वह आपको (शमी को) एक बेहतरीन खिलाड़ी के रूप में जानते हैं। यही नहीं वह बंगाल के लिए खेल भी रहा है। जब वह बंगाल के लिए खेल रहा है तो उसका नाम सही क्यों नहीं किया गया? यह तब हुआ जब केकेआर (कोलकता नाइट राइडर्स) ने आपत्ति जताई, जब कोई इसका विरोध कर सकता था। तो ऐसे शमी अहमद से मोहम्मद शमी बने।’