बीसीसीआइ ने केंद्रीय ऊर्जा और पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखा है कि वह बोर्ड के नए ‘गो ग्रीन इनिशिएटिव’ के तहत ‘ग्रीन स्टेडियम’ विकसित करने में उनका मार्गदर्शन करे। बीसीसीआइ के नए अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने यह बात कही है। ठाकुर ने सोमवार को कहा, ‘हमने ‘गो ग्रीन इनिशिएटिव’ के लिए 100 करोड़ रुपए रखे हैं। इससे देश भर के मौजूदा क्रिकेट स्टेडियमों को ग्रीन स्टेडियम में बदला जाएगा। हमने पहली ही इस संबंध में मार्गदर्शन के लिए केंद्रीय ऊर्जा और पर्यावरण मंत्रालयों को लिख दिया है।’ ठाकुर आंध्र क्रिकेट संघ और कृष्णा जिला क्रिकेट संघ की ओर से यहां से 25 किमी दूर मुलापाडु गांव में नए क्रिकेट मैदान के उद्घाटन के बाद बोल रहे थे।

बीसीसीआइ अध्यक्ष ने कहा, ‘हम बिजली पैदा करने के लिए सभी स्टेडियमों में सोलर पैनल लगा रहे हैं। हमने बारिश के पानी के संचयन के लिए ढांचे तैयार किए हैं। हम सीवर के पानी का इस्तेमाल करेंगे, इसका ट्रीटमेंट करेंगे और मैदानों पर इसका पुन: इस्तेमाल करेंगे। हम बिजली बचाने के लिए एलईडी ब्लबों का भी इस्तेमाल करेंगे। हम ऊर्जा आडिट भी कराएंगे जिससे कि इसे ग्रीन स्टेडियम बनाया जा सके।’ ठाकुर ने कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे कुछ क्रिकेट संघों ने सौर ऊर्जा और पर्यावरण से जुड़े अन्य मसलों जैसे जल शुद्धीकरण और बारिश के पानी के संचयन में अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा, ‘हमने इन संघों से हमारा भी मार्गदर्शन करने के लिए कहा है।’

ठाकुर से पूछा गया कि क्या कुछ राज्य क्रिकेट संघ अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर रहे हैं, उन्होंने कहा, ‘देखिए सभी उंगलियां बराबर नहीं होती हैं। हमारे लिए प्रत्येक इकाई महत्वपूर्ण है। कुछ भले ही पीछे हों लेकिन अधिकतर ने अच्छा काम किया है और अधिकतर अपेक्षाओं पर खरी उतरी हैं। लेकिन यहां तक कि परिवार में भी प्रदर्शन के लिहाज से सभी समान नहीं होते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए मेरी निजी राय है कि अधिकतर अन्य से सीखते हैं। आंध्र प्रदेश क्रिकेट संघ ने मानदंड तय किए हैं। अन्य उनसे सीखकर अच्छा कर सकते हैं। हमें मानदंड और उच्च मानदंड तय करने की जरूरत है।’

देश में क्रिकेट के आधारभूत ढांच को लेकर अपनी प्राथमिकताओं के बारे में ठाकुर ने कहा कि किसी भी अन्य महासंघ या बोर्ड ने ऐसा आधारभूत ढांचा तैयार नहीं किया जैसा कि पिछले कुछ दशकों में बीसीसीआइ ने किया है।

उन्होंने कहा, ‘अन्य महासंघ पैसे के लिए पूरी तरह से भारत सरकार या राज्य सरकारों पर निर्भर हैं, जबकि हम अपनी कमाई खर्च करते हैं। बीसीसीआइ के अधिकतर सदस्य अपने अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम और अकादमी तैयार कर रहे हैं, यह अच्छी बात है।’ ठाकुर ने कहा, ‘विश्व भर में चाहे आस्ट्रेलिया हो या अन्य देश, वहां की सरकारों ने मैदानों का निर्माण कराया है राष्ट्रीय बोर्ड ने नहीं। मेरा मानना है कि बीसीसीआइ की एक संगठन के तौर पर दुनिया भर में सराहना हुई है। वे अब बीसीसीआइ और उसके कामकाज का अनुसरण करते हैं।’