आइपीएल 2013 के दौरान स्पाट फिक्सिंग के आरोपी क्रिकेटर एस श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजित चंदीला का पैसा रोकने वाले बीसीसीआइ ने भारत के एक अन्य दागी पूर्व क्रिकेटर जेकब मार्टिन के लिए अलग मापदंड अपनाए हैं। मार्टिन को 27 अप्रैल 2011 में दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था और उन पर फर्जी क्रिकेट टीम बनाकर किसी निमेश कुमार को धोखाधड़ी से वीजा हासिल करके ब्रिटेन भेजने का आरोप था। बाद में मार्टिन को जमानत पर रिहा कर दिया गया लेकिन अब भी उनके खिलाफ मामला लंबित है।
बीसीसीआइ की वेबसाइट पर क्रिकेटरों को दी जाने वाली एकमुश्त राशि के रेकार्ड के अनुसार लाभांवितों की सूची में 118वें नंबर पर मार्टिन का नाम है। भारत की ओर से दस एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले बड़ौदा के दाएं हाथ के पूर्व बल्लेबाज को बीसीसीआइ ने 30 लाख रुपए का भुगतान किया है। इस महीने की शुरुआत में ही दिल्ली की अदालत ने इस मामले में आरोप तय करने को चुनौती देने वाली मार्टिन की याचिका खारिज कर दी थी।
मार्टिन के भुगतान को पिछली वित्त समिति ने स्वीकृति दी थी और उसके एक सदस्य ने कहा कि उन्हें मार्टिन की गिरफ्तारी की जानकारी नहीं थी। तत्कालीन वित्त समिति के सदस्य ने कहा कि देखिए, हम वित्त समिति के सदस्य थे। सभी चीजों की जांच करना बीसीसीआइ का काम है। उन्होंने 138 प्रथम श्रेणी मैच खेले और भुगतान का पात्र था।
जहां तक पुलिस में मामले का सवाल है तो बीसीसीआइ के प्रभारी अधिकारियों को हमें इस बारे में बताना चाहिए था। उसके भुगतान को स्वीकृति दी गई क्योंकि किसी ने कोई सवाल नहीं उठाया। इस बीच सवाल उठाए जा रहे हैं कि अगर खेल को भ्रष्ट करने के लिए श्रीसंत और चव्हाण को भुगतान नहीं किया गया तो फिर इस मामले में खुद का नाम पाक साफ किए बगैर मार्टिन के भुगतान को कैसे स्वीकृति मिल गई।