भारतीय खिलाड़ियों का इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के लिए रेड बॉल क्रिकेट को नजरअंदाज करने का ट्रेंड देखते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) बड़ा कदम उठाने की कोशिश में है। बीसीसीआई अब टेस्ट के लिए मैच फीस में बढ़ोतरी पर विचार कर रहा है। इस क्रिकेट के लंबे प्रारूप को नजरअंदाज करना मुश्किल होगा। पता चला है कि भारतीय टीम से बाहर चल रहे इशान किशन के घरेलू क्रिकेट को नजरअंदाज करने पर यह फैसला लिया गया है।
टीम प्रबंधन के बार-बार कहने के बाद भी विकेटकीपर बल्लेबाज इशान किशन घरेलू क्रिकेट नहीं खेले। इसके बजाय अगले महीने से शुरू होने वाले आईपीएल की तैयारी करने का विकल्प चुना। इसी के मद्देनजर बोर्ड ने सैलरी स्ट्रक्चर को फिर से तैयार करने का फैसला किया। इसके अनुसार टेस्ट क्रिकेट को तरजीह देने वाले खिलाड़ियों को सालाना कॉन्ट्रैक्ट के अलावा अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
नए सैलरी स्ट्रक्चर में क्या होगा
द इंडियन एक्सप्रेस को नए सैलरी स्ट्रक्चर के बारे में बताते हुए बोर्ड के एक सूत्र ने कहा. “उदाहरण के लिए यदि कोई एक कैलेंडर वर्ष में सभी टेस्ट सीरीज खेलता है तो उसे वार्षिक रिटेनर अनुबंध के अलावा अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा। यह सुनिश्चित करना है कि खिलाड़ी अधिक से अधिक रेड बॉल क्रिकेट के लिए आगे आएं। यह टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए अतिरिक्त लाभ होगा।”
आईपीएल के बाद लागू हो सकता है नया रेमुनरेशन मॉडल
यदि नए रेमुनरेशन मॉडल को मंजूरी मिल जाती है तो इसे इस आईपीएल सीजन के बाद लागू किया जाएगा। बीसीसीआई उस अतिरिक्त बोनस पर काम कर रहा है, जो एक खिलाड़ी को एक सीजन में सभी टेस्ट सीरीज खेलने पर मिलेगा। वर्तमान में बीसीसीआई फीस के रूप में प्रति टेस्ट मैच 15 लाख रुपये, प्रति वनडे 6 लाख रुपये और टी20 अंतरराष्ट्रीय के लिए 3 लाख रुपये का भुगतान करता है।
