भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआइ) ने इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) के अगले दो सत्र के लिए दो नई टीमें ढूंढने की निविदा प्रक्रिया को सोमवार को बंद कर दिया। ये दो नई टीमें चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रायल्स की जगह लेंगी जिन्हें दो साल के लिए निलंबित किया गया है। वर्ष 2013 में हुए आइपीएल के दौरान स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी प्रकरण की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति की अंतरिम रिपोर्ट के बाद बीसीसीआइ की कार्यसमिति ने चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रायल्स की जगह नई टीम को खिलाने का फैसला किया था।

बीसीसीआइ ने 16 नवंबर को निविदा नोटिस प्रकाशित किया था जो ‘उन दो नई फ्रेंचाइजियों के संचालन और प्रबंधन के अधिकार के लिए था जो 2016 और 2017 सत्र के दौरान लीग का हिस्सा बनना चाहती हैं लेकिन इसके बाद नहीं’। यह पेशकश 2016 और 2017 के लिए दो नई फ्रेंचाइजियों में से एक के संचालन और प्रबंधन के अधिकार की थी। इसके अंतर्गत टीम अपने घरेलू लीग मैच बीसीसीआइ की ओर से मुहैया कराए गए स्टेडियम में कराएगी और उसे अन्य अधिकार भी मिलेंगे।

आइपीएल संचालन परिषद के अध्यक्ष राजीव शुक्ला ने निविदा नोटिस प्रकाशित होने से पहले कहा था कि आइपीएल संचालन परिषद ने फ्रेंचाइजी स्थलों की सूची से जयपुर और कोच्चि को बाहर रखने का फैसला किया है। शुक्ला ने कहा कि दो नई टीमों के लिए कुल मिलाकर नौ स्थलों को चुना गया है। आठ दिसंबर को बोली होगी। केंद्रीय राजस्व पूल से रिवर्स बोली के लिए आधार मूल्य 40 करोड़ रुपए होगा। जो पक्ष केंद्रीय राजस्व पूल से सबसे कम हिस्से के लिए बोली लगाएगा, वह नई टीम का विजेता होगा।

रिवर्स बोली या रिवर्स नीलामी की परिभाषा के अनुसार, ‘रिवर्स नीलामी में खरीदार जरूरी वस्तु या सेवा के लिए आग्रह करता है। विक्रेता इसके बाद इसके लिए बोली लगाते हैं और नीलामी के अंत में सबसे कम राशि वाला विक्रेता विजेता होता है’।