हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले विनेश फोगाट की बहन बबीता फोगाट ने उन पर शब्दों के जरिए वार किया। बबीता ने कहा कि विनेश 100 ग्राम वजन की वजह से मेडल जीतने से चूक गईं। वजन घटाना सिर्फ खिलाड़ियों की जिम्मेदारी होती है और वजन को घटाने के लिए प्रधानमंत्री नहीं आएंगे। अगर आप डिसक्वालिफाई हो गई हैं तो इसके लिए सरकार का जिम्मेदार ठहराना गलत है। मैंने कभी खेल के साथ राजनीति नहीं की।

एक टीवी कार्यक्रम के दौरान बबीता फोगाट से पूछा गया कि क्या विनेश के साथ पेरिस में जो कुछ भी हुआ तो क्या आप उसके बाद उनसे मिली हैं। इसका जवाब देते हुए बबीता ने कहा कि मैंने मैसेज के जरिए उनसे बात की थी। मैंने अपने बेटे का उनके साथ वाला वीडियो भी शेयर किया था जिससे की उनका दुख कुछ कम हो। वो मेरी बहन रहेंगी, हमने एक-दूसरे के खिलाफ कुश्ती भी की है, ऐसा नहीं है कि हम एक-दूसरे के खिलाफ नहीं लड़े हैं।

बबीता फोगाट ने कहा कि हमने एक-दूसरे के साथ एक टूर्नामेंट का फाइनल भी खेला था और उसमें मुझे जीत मिली थी। 2018 कॉमनवेल्थ के दौरान हम तीन बहनें एक ही वेट कैटेगरी में खेले थे। उसमें मैं थी, विनेश की छोटी बहन थी और उसकी बड़ी बहन प्रियंका भी थीं और हम तीनों ने ट्रायल दिया था। हमें पापा ने सिखाया की जो मेहनत करेगा उसे जीत मिलेगी और हम बहनों ने भी इसके लिए कभी बुरा नहीं माना कि हम एक ही वेट में क्यों आ गए। आप जिस भी क्षेत्र में मेहनत कर रहे हैं वो आपका धर्म है।

पार्टी जहां कहेगी वहां करूंगी चुनाव प्रचार

बबीता से पूछा गया कि आप विनेश के खिलाफ चुनाव प्रचार करने जाएंगी तो उन्होंने कहा कि मुझे मेरी पार्टी जहां के चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी देगी मैं वहां जाकर प्रचार करूंगी। बबीता से पूछा गया कि आपके पास कोई प्रस्ताव भी आया था कि आप विनेश के खिलाफ खड़ी हो जाइए। तो इसका जवाब देते हुए बबीता ने कहा कि नहीं मेरे सामने इस तरह का कोई भी प्रस्ताव नहीं आया। बबीता से पूछा गया कि जब आप राजनीति में आईं तो आपके पिता महावीर फोगाट ने कोई आपत्ति नहीं जताई, लेकिन विनेश के राजनीति में आने पर उन्होंने कहा कि विनेश ने जल्दबाजी में फैसला ले किया और उसे 2028 ओलंपिक में हिस्सा लेना चाहिए था।

बबीता ने इसका जवाब देते हुए कहा कि अगर आपने विनेश का इंटरव्यू देखा होगा तो उन्होंने खुद कहा था कि मेरा 2032 तक का प्लान था। अगर वो 2032 तक खेलना चाहती थीं को इस प्लान को किसने खराब किया। तो इसमें अगर उनके गुरु ने कह दिया कि विनेश को खेलना चाहिए था और वो अच्छा प्रदर्शन कर रही थीं तो एक गुरु को यही चाहेगा कि अगर विनेश खेल रही हैं और इतने साल उन्होंने मेहनत करवाई है तो गुरु क्यों नहीं चाहेगा कि वो आगे खेले।

बबीता ने आगे कहा कि मैं अगर अपनी बात करूं तो मैं 2016 में कुश्ती छोड़ चुकी थी और ओलंपिक मैंने अपना लास्ट खेला था। 2017 में मैंने कोई टूर्नामेंट नहीं खेला और मैं अपने छोटे भाई-बहनों को ट्रेनिंग दे रही थी। उस वक्त मेरे पिता और बहन ने मुझसे कहा कि तुम इन्हें एक भी प्वाइंट नहीं दे रही हो तो तुम्हें आगे आना चाहिए, लेकिन मैंने इंजरी की वजह से खेल को छोड़ा। इसके बाद 2018 में मैंने कॉमनवेल्थ ट्रायल दिया और फिनिश कर दिया क्योंकि मैं सोच रही थी कि मुझसे इससे ज्यादा सहन नहीं होगा। मेरे घुटनों में काफी दर्द हो रहा था और मैं उससे जूझ रही थी। मेरे लिए मेरी हेल्थ जरूरी थी इस वजह से मैंने खेलना छोड़ दिया। बबीता ने ये बातें इंडिया टीवी पर एक कार्यक्रम के दौरान कही।